14 अप्रैल, शुक्रवार को बैसाखी (संक्रांत) का पर्व है इस दिन गा गी गु गो सा सी सो से दा दी नामाक्षर और नक्षत्र- धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद (मकर कुंभ मीन राशि) वाले जातकों की सक्रांति बाए पैर पर गई है अर्थात ऐसे राशि नाम वाले लोगों में साल भर चोट पटक लगने का भय रहता है।
ऐसे जातकों के लिए छरायल सुयाल, हल्द्वानी निवासी आचार्य मुकेश जोशी बताते हैं कि इनको 14 अप्रैल बैसाखी पर्व पर शिव मन्दिर में एक चांदी का बायां पैर, दही, चावल और सफेद पुष्प आदि दान करने से लाभ मिलता है और अरिष्ट निवारण होता है।