हल्द्वानी
उत्तराखंड को मिला पहला खेल विश्वविद्यालय, गौलापार में होगा शिलान्यास
देहरादून/हल्द्वानी। उत्तराखंड में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना का रास्ता अब पूरी तरह साफ हो गया है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद बुधवार को राज्य सरकार ने उत्तराखंड खेल विश्वविद्यालय अधिनियम की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके साथ ही खेल विश्वविद्यालय की स्थापना और शिलान्यास की तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं।
खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि राज्य सरकार आगामी राष्ट्रीय खेल दिवस पर इस विश्वविद्यालय का शिलान्यास करेगी। हल्द्वानी के गौलापार क्षेत्र में बनने वाले इस विश्वविद्यालय के लिए विभागीय अधिकारियों को तैयारी शुरू करने के निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के खिलाड़ियों के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है, जिससे न केवल खेलों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि खिलाड़ियों को उच्च शिक्षा और प्रशिक्षण का मजबूत मंच भी उपलब्ध होगा।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए सभी आवश्यक मानकों को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे निर्माण कार्य में कोई बाधा न आए। राज्य सरकार लंबे समय से इस दिशा में प्रयासरत थी और अब अधिसूचना जारी होने के साथ ही यह सपना साकार होता दिख रहा है।
कुमाऊं के खिलाड़ियों को मिलेगा लाभ
गौलापार में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना से विशेष रूप से कुमाऊं मंडल के पहाड़ी जिलों के खिलाड़ियों को फायदा मिलेगा। अब उन्हें बीपीएड, एमपीएड, डिप्लोमा इन स्पोर्ट्स कोचिंग, स्पोर्ट्स मैनेजमेंट जैसे पाठ्यक्रमों के लिए गुजरात, लखनऊ, ग्वालियर या गुरुकुल हरिद्वार जैसे स्थानों पर नहीं जाना पड़ेगा।
हल्द्वानी के उप क्रीड़ा अधिकारी वरुण बेलवाल ने बताया कि इन संस्थानों में सीमित सीटों के कारण प्रवेश कठिन होता है और खर्च भी ज्यादा आता है। अब हल्द्वानी में विश्वविद्यालय खुलने से स्थानीय खिलाड़ियों को कम खर्च में उच्च गुणवत्ता की खेल शिक्षा उपलब्ध हो सकेगी।
स्टाफ की भी होगी तैनाती
अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम हल्द्वानी में फिलहाल स्टाफ की भारी कमी है। पीआरडी जवानों के सहारे स्टेडियम की देखरेख हो रही है और ग्राउंड स्टाफ भी उपलब्ध नहीं है। अस्थायी कर्मचारियों से काम चलाया जा रहा है। खेल विश्वविद्यालय शुरू होने के बाद न सिर्फ प्रशासनिक ढांचा मजबूत होगा बल्कि स्थायी स्टाफ की तैनाती भी की जाएगी, जिससे खेल सुविधाओं का समुचित विकास हो सकेगा।
