देहरादून। चारधाम यात्रा के दौरान वीआईपी दर्शन करने वाले अतिथियों से इस बार शुल्क नहीं लिया जाएगा। बदरी-केदार मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने वर्ष 2023 में वीआईपी दर्शन के लिए ₹300 शुल्क लगाने की व्यवस्था शुरू की थी, जिससे समिति को लगभग डेढ़ करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई थी। लेकिन अब प्रदेश सरकार ने इस शुल्क व्यवस्था को समाप्त करने का निर्णय लिया है।
पिछले साल उठे थे सवाल
बीकेटीसी ने श्री तिरुपति बालाजी, श्री वैष्णो देवी, महाकालेश्वर और सोमनाथ मंदिरों की व्यवस्थाओं का अध्ययन करने के बाद बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में वीआईपी दर्शन शुल्क लागू किया था। लेकिन वर्ष 2023 में पेटीएम से चंदा एकत्र करने और वीआईपी दर्शन शुल्क से प्राप्त आय को लेकर कई सवाल उठे थे। मंदिर समिति के लिए हजारों की संख्या में आने वाले वीआईपी दर्शनार्थियों से प्राप्त शुल्क का लेखा-जोखा रखना कठिन हो रहा था। इसके अलावा, समिति का मानना है कि धाम में आने वाले सभी श्रद्धालु एक समान हैं, इसलिए किसी से अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाना चाहिए। इसी के चलते अब इस शुल्क को समाप्त कर दिया गया है।
चारधाम यात्रा तैयारियों की समीक्षा करेंगे मुख्यमंत्री
इस वर्ष 30 अप्रैल से चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है। इसे देखते हुए 10 मार्च को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समीक्षा बैठक करेंगे। इस बैठक में चारधाम यात्रा से जुड़े विभिन्न विभागों के उच्च अधिकारी शामिल होंगे और यात्रा की तैयारियों को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे। यात्रा मार्गों की स्थिति, यात्रियों की सुरक्षा, चिकित्सा सुविधाएं, यातायात व्यवस्था और अन्य जरूरी पहलुओं पर चर्चा की जाएगी।
होली के बाद से शुरू हो सकता है पंजीकरण
चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का पंजीकरण होली के बाद शुरू हो सकता है। इस बार पर्यटन विभाग पंजीकरण के दौरान आधार नंबर अनिवार्य करने की योजना बना रहा है। इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल को अपडेट करने का कार्य जारी है। सरकार यात्रा को सुगम और व्यवस्थित बनाने के लिए नई व्यवस्थाओं पर विचार कर रही है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
चारधाम यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है। इस बार सरकार और मंदिर समिति द्वारा उठाए गए नए कदमों से यात्रा को और सुगम बनाने की कोशिश की जा रही है।
