उत्तराखंड पुलिस

11 हत्या करने वाला बिहार का दो लाख रुपये के इनामी सुपारी किलर ऋषिकेश से गिरफ्तार

देहरादून। बिहार व झारखंड में 11 हत्या समेत हत्या के प्रयास, लूट और रंगदारी के 27 मुकदमों में वांछित कुख्यात दो लाख रुपये के इनामी सुपारी किलर रंजीत चौधरी को उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने ऋषिकेश के पास लक्ष्मणझूला क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया। बदमाश यहां पत्नी व बच्चों के साथ एक होटल में ठहरा हुआ था। बिहार व झारखंड पुलिस उसे दो साल से तलाश रही थी।
बिहार एसटीएफ ने गुरुवार रात उत्तराखंड एसटीएफ को कुख्यात रंजीत चौधरी के उत्तराखंड में होने की सूचना दी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। बिहार व झारखंड पुलिस को भी इस संबंध में सूचित कर दिया गया है। एसटीएफ के अनुसार, बिहार पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर गिरफ्तार कुख्यात को अपने साथ ले जाने के लिए देहरादून आ रही है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसटीएफ) नवनीत भुल्लर ने बताया कि उत्तराखंड में छिपे दूसरे राज्यों के कुख्यातों को पकड़ने के लिए एसटीएफ अभियान चला रही है। करीब आठ माह पूर्व एसटीएफ को बिहार व झारखंड के कुख्यात रंजीत चौधरी के परिवार के देहरादून में रहने का पता चला। इसके बाद एसटीएफ लगातार बिहार व झारखंड पुलिस के संपर्क में रही।
गुरुवार रात बिहार एसटीएफ ने जब रंजीत चौधरी के उत्तराखंड में होने की सूचना दी तो एसटीएफ की छह टीमें उसकी लोकेशन ट्रेस करने में लगा दी गईं। इसी बीच एसटीएफ को पता चला कि कुख्यात रंजीत चौधरी निवासी बेलापुर थाना-उदवंतनगर जिला-पटना (बिहार) यहां ऋषिकेश के पास लक्ष्मणझूला क्षेत्र स्थित एक होटल में ठहरा हुआ है। इस पर एसटीएफ ने शुक्रवार देर रात कुख्यात को होटल से दबोच लिया। होटल में उसकी पत्नी व बच्चे भी साथ थे, जिन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया।
एसएसपी भुल्लर ने बताया कि रंजीत चौधरी के विरुद्ध बिहार व झारखंड में दर्ज 27 मुकदमों में से 11 मुकदमे रंजिशन व सुपारी लेकर हत्या करने के हैं। शेष 16 मुकदमे लूट, रंगदारी, फिरौती, हत्या का प्रयास व बलवा के हैं। पूछताछ में उसने एसटीएफ को बताया कि पारिवारिक के रंजिश के चलते उसके पिता व भाई की हत्या कर दी गई थी।
इसका बदला लेने के लिए उसने सबसे पहले उन लोगों की हत्या की, जो उसके पिता और भाई की हत्या के आरोपित थे। इसके बाद वह सुपारी लेकर हत्या करने लगा। उसने बिहार के भोजपुर व पड़ोसी राज्य झारखंड में खनन के ठेके लेने भी शुरू कर दिए। उसने खनन की रंजिश में भी हत्या व हत्या के प्रयास की घटनाओं को अंजाम दिया। रंगदारी और फिरौती के लिए अपहरण के मामले भी उस पर दर्ज हैं।
उत्तराखंड एसटीएफ को करीब आठ माह पहले पता चला कि कुख्यात रंजीत चौधरी की पत्नी व तीन बच्चे बीते डेढ़ साल से देहरादून के पटेलनगर थाना क्षेत्र के त्रिमूर्ति विहार, टर्नर रोड क्षेत्र में रह रहे हैं। तीनों बच्चे क्षेत्र के एक प्रतिष्ठित स्कूल में पढ़ते हैं। इसके बाद एसटीएफ ने उसकी पत्नी पर निगरानी शुरू कर दी।
एसटीएफ ने उसकी पत्नी के फेसबुक व इंस्टाग्राम की सभी पोस्ट की जांच की और बिहार पुलिस के साथ लगातार संपर्क बनाए रखा। उसकी पत्नी उससे वाट्सएप काल पर बात करती थी। इसी दौरान बिहार एसटीएफ ने एक काल का पता लगा लिया। रंजीत को खतरा था कि उसके प्रतिद्वंद्वी रंजिश में उसके परिवार की हत्या कर सकते हैं, इसलिए उसने मार्च-2023 में परिवार को देहरादून शिफ्ट कर दिया।
कुख्यात रंजीत चौधरी को डर था कि अगर वह परिवार से मिलने देहरादून गया तो पुलिस उसे दबोच लेगी। ऐसे में जब भी वह परिवार से मिलने आता था तो पत्नी और बच्चों को दूसरी जगह किसी होटल में बुला लेता था। गुरुवार रात जब वह ऋषिकेश व लक्ष्मणझूला पहुंचा तो उसे कोई होटल नहीं मिला। उसने रात गंगा घाट पर ही काटी और शुक्रवार सुबह लक्ष्मणझूला में होटल लिया। उसने पत्नी व बच्चों को मिलने के लिए होटल में बुला लिया।
वहीं, कुख्यात की गिरफ्तारी के बाद उसकी पत्नी ने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक वीडियो को पोस्ट किया। जिसमें उसने बिहार और झारखंड पुलिस पर पति के एनकाउंटर की साजिश रचने का आरोप लगाया। वीडियो में उसने बिहार पुलिस के एक डीएसपी पर गंभीर आरोप भी लगाए।
एसएसपी एसटीएफ ने बताया कि कुख्यात रंजीत चौधरी ने दो साल पहले पटना के थाना रानी तालाब के गेट के सामने एक खनन कारोबारी देवराज यादव की गोली मारकर हत्या कर दी थी। तब से वह फरार था। रंजीत का नाम वर्ष-2005 में बिहार के जिला नवादा में हुई डकैती व हत्या का प्रयास और वर्ष-2012 व 2017 में पटना के बिहटा में हुए हत्याकांड में भी सामने आया था।
वर्ष-2013 व वर्ष-2016 में भोजपुर में उदवंतनगर में हुए हत्याकांड, वर्ष-2015 में पूर्वी सिंहभुमि, झारखंड में बिस्तुपुर हत्याकांड, वर्ष-2017 व 2018 में नवादा में हुए हत्याकांड समेत वर्ष-2019 में आरानगर में सरकारी कर्मचारियों पर हमले में भी रंजीत चौधरी नामजद मुख्य आरोपित है। उसकी गिरफ्तारी के लिए एडीजी पटना ने दो लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। रंजीत की उसकी गिरफ्तारी के लिए बिहार पुलिस ने राज्य स्तरीय विशेष कार्यबल दस्ता गठित किया हुआ है।

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