उत्तराखण्ड
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बजा, जानिए चुनाव कार्यक्रम, खर्च सीमा और आदर्श आचार संहिता के प्रावधान
हल्द्वानी। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। शनिवार को राज्य निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना जारी कर दी, जिसके तहत राज्य में दो चरणों में चुनाव संपन्न कराए जाएंगे।
चुनाव कार्यक्रम
पहले चरण में नैनीताल जिले के बेतालघाट, ओखलकांडा, रामगढ़ और धारी ब्लॉक में 10 जुलाई को मतदान कराया जाएगा। दूसरे चरण में हल्द्वानी, भीमताल, कोटाबाग और रामनगर ब्लॉक में 15 जुलाई को मतदान होगा। 19 जुलाई को मतगणना के साथ ही उसी दिन परिणाम जारी किए जाएंगे।
राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 25 जून से शुरू होगी। सभी प्रत्याशियों को 28 जून तक सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक नामांकन दाखिल करने होंगे। 29 जून से 1 जुलाई के बीच नामांकन पत्रों की जांच होगी, जबकि 2 जुलाई को सुबह 8 बजे से दोपहर 3 बजे तक नाम वापसी की जा सकेगी।
आदर्श आचार संहिता लागू
अधिसूचना जारी होते ही प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। जिला निर्वाचन अधिकारी सभी ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत के पदों और आरक्षण से संबंधित विवरण 23 जून को सार्वजनिक करेंगे। इस अवधि में नए विकास कार्य शुरू नहीं किए जा सकेंगे। अफसरों के मुताबिक 50 करोड़ रुपये से अधिक के कार्य रोक दिए गए हैं।
खर्च सीमा तय
आयोग ने चुनाव में खर्च करने की सीमा तय कर दी है।
- ग्राम पंचायत सदस्य: ₹10,000
- ग्राम प्रधान: ₹75,000
- क्षेत्र पंचायत सदस्य: ₹75,000
- जिला पंचायत सदस्य: ₹2,00,000
पालन करने योग्य महत्वपूर्ण नियम
चुनाव प्रचार में जाति, धर्म, संप्रदाय के आधार पर मतदाताओं को प्रभावित करने पर सख्त पाबंदी होगी। प्रचार के लिए पूजा स्थलों का उपयोग वर्जित रहेगा। रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। मतदान से 48 घंटे पहले प्रचार बंद करना अनिवार्य है। रिश्वतखोरी, मतदाताओं को धमकाना, डराना अपराध की श्रेणी में आएगा, जिस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
विकास कार्यों पर ब्रेक
अधिसूचना जारी होते ही पूरे जिले में नए विकास कार्य पर रोक लग गई है। चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने के बाद ही रुके हुए कार्य शुरू किए जा सकेंगे। इस बीच सड़क निर्माण जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाएं भी शुरू नहीं हो पाएंगी।
कुल मिलाकर, उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए तैयारी जोर-शोर से शुरू हो चुकी है, जिससे गांव से लेकर जिले तक सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। आयोग ने शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव के लिए सभी जिलों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
