उत्तराखण्ड

उत्तराखंड की मशरूम गर्ल दिव्या रावत अपने भाई राजपाल के साथ गिरफ्तार

दिव्या पर धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप
देहरादून। उत्तराखंड की मशरूम गर्ल एवं मशरूम उत्पादन की ब्रांड एंबेसडर दिव्या रावत और उसके भाई राजपाल रावत को महाराष्ट्र के पुणे में पुलिस ने गिरफ्तार किया है। दिव्या पर धोखाधड़ी और जालसाजी का आरोप है। प्रकरण में पुणे के पौड थाने में वर्ष 2022 में मुकदमा दर्ज कराया गया था। पौड थाना पुलिस ने दोनों की गिरफ्तारी की पुष्टि की है।
पुलिस के मुताबिक, मानसलेक भुकुम (पौड) निवासी जितेंद्र नंद किशोर भाखाड़ा ने दिव्या के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने शिकायत में बताया कि उनकी कंसलटेंसी फर्म है, जिसे वह घर से ही आनलाइन व फोन के माध्यम से चलाते हैं। वर्ष 2019 में वह उद्योग शुरू करना चाहते थे।
इसी दौरान फेसबुक के माध्यम से उनका परिचय दिव्या रावत की बहन शकुंतला राय से हुआ, जिसने देहरादून में मशरूम की खेती के बारे में जानकारी दी। शकुंतला ने जनवरी 2019 में उन्हें देहरादून के मोथरोवाला में प्रशिक्षण के लिए बुलाया, जहां उनकी मुलाकात दिव्या से हुई। शिकायतकर्ता ने बताया कि प्रशिक्षण के बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिस कारण वह पुणे आ गए। दिसंबर 2019 में उन्हें दिव्या का फोन आया कि वह उसकी सौम्या फूड्स प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ सकते हैं। इसके बाद दिव्या ने उन्हें देहरादून बुलाया और रिवर्स माइग्रेशन-2020 प्रोजेक्ट के तहत मशरूम उत्पादन में पार्टनरशिप का प्रस्ताव दिया। प्रोजेक्ट शुरू करने से पहले वह प्रशिक्षण के लिए टीम के साथ गुजरात गए।
वहां उन्होंने कुछ मशीनें भी खरीदीं। शिकायतकर्ता ने बताया कि इस दौरान टीम में शामिल सदस्यों के वेतन, रहने-खाने और मशीनों को खरीदने का खर्च उन्होंने ही किया।
शिकायतकर्ता ने बताया कि पूरे प्रोजेक्ट पर लगभग 1.20 करोड़ का खर्च आया। इसमें से कुछ रुपये दिव्या ने उन्हें दिए, जो बाद में बहाने से वापस भी ले लिए। जब उन्होंने दिव्या से रुपये वापस मांगे तो वर्ष 2022 में देहरादून के नेहरू कालोनी थाना में उन्हीं के विरुद्ध 77 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करवा दिया।
शिकायतकर्ता ने बताया कि दिव्या की शिकायत के बाद नेहरू कालोनी थाना पुलिस ने उन्हें देहरादून बुलाकर गिरफ्तार कर लिया। तीन माह जेल में रहने के बाद उच्च न्यायालय से उन्हें जमानत मिली। जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने पुलिस विभाग से सूचना का अधिकार के तहत अपनी गिरफ्तारी को लेकर जानकारी मांगी तो पता चला कि दिव्या ने मेरठ से बनवाए एक शपथपत्र (एफेडेविट) के आधार पर उनके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप है कि यह शपथपत्र जांच में फर्जी पाया गया। इसकी शिकायत उन्होंने पुणे के पौड थाने में की। इसके बाद से दिव्या उनसे समझौते के लिए 32.5 लाख रुपये मांग रही थी। इस पर शिकायतकर्ता ने दिव्या को 10 लाख रुपये का चेक लेने के लिए पुणे बुलाया। साथ ही पुलिस को भी सूचना दे दी। पुणे में शुक्रवार को दिव्या और उसके भाई को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

Most Popular

CWN उत्तराखंड समेत देश और दुनिया भर के नवीनतम समाचारों का डिजिटल माध्यम है। अपने विचार या समाचार प्रसारित करने के लिए हमसे संपर्क करें। धन्यवाद

[email protected]

संपर्क करें –

ईमेल: [email protected]

Select Language

© 2023, CWN (City Web News)
Get latest Uttarakhand News updates
Website Developed & Maintained by Naresh Singh Rana
(⌐■_■) Call/WhatsApp 7456891860

To Top
English हिन्दी