उत्तराखंड पुलिस
उत्तराखंड STF की बड़ी कार्रवाई : 7.39 करोड़ की साइबर ठगी का मास्टरमाइंड दिल्ली से गिरफ्तार
देहरादून। उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की साइबर क्राइम पुलिस टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 7 करोड़ 39 लाख रुपये की साइबर ठगी के मामले का खुलासा किया है। इस प्रकरण में दिल्ली के जामिया नगर से शादाब हुसैन नामक आरोपी को गिरफ्तार किया गया। आरोपी ने फर्जी प्रोफाइल और अंतरराष्ट्रीय व्हाट्सएप नंबर का इस्तेमाल कर निवेश और IPO ट्रेडिंग के नाम पर करोड़ों रुपये की ठगी की थी।
ठगी का तरीका
अगस्त 2025 में देहरादून निवासी की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ। पीड़ित को इंडोनेशिया आधारित व्हाट्सएप नंबर से एक लिंक भेजकर “M2-Wealth Secrets Exchange Group” और बाद में “Disciple Team” नामक ग्रुप में शामिल कराया गया। यहां शेयर मार्केट और IPO निवेश पर बड़े मुनाफे का लालच दिया गया। पीड़ित को Cantillon.App पर आधार कार्ड से रजिस्ट्रेशन कराया गया और फिर लगातार धनराशि जमा करने को प्रेरित किया गया।
एक महिला, जिसने खुद को Cantillon Capital Management की प्रतिनिधि “काया मैडम” बताया, उसने सीधे संदेश भेजकर निवेश कराने के लिए दबाव डाला। पीड़ित ने 22 जुलाई से 20 अगस्त तक करीब 7.39 करोड़ रुपये 15 अलग-अलग बैंक खातों में जमा कर दिए। ऐप में मुनाफे का झांसा दिखाया गया, लेकिन जब पैसे निकालने की कोशिश की गई, तो 3 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में मांगे गए और राशि वापस नहीं की गई।
जांच और गिरफ्तारी
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक STF नवनीत सिंह के निर्देशन में अपर पुलिस अधीक्षक स्वप्न किशोर व निरीक्षक आशीष गुसाई की टीम ने तकनीकी विश्लेषण कर आरोपी का पता लगाया। आरोपी शादाब हुसैन पुत्र वाहिद हुसैन, निवासी बरेली (उत्तर प्रदेश) को जामिया नगर, दिल्ली से गिरफ्तार किया गया। उसके पास से दो मोबाइल फोन बरामद हुए। जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी के बैंक खातों के खिलाफ देशभर में 33 साइबर अपराध की शिकायतें दर्ज हैं, जिनमें से 4 FIR सामने आई हैं।
STF की अपील
STF ने जनता को चेतावनी दी है कि डिजिटल अरेस्ट, फर्जी निवेश और ट्रेडिंग योजनाएं पूरी तरह ठगी का हिस्सा हैं। कोई भी सरकारी एजेंसी व्हाट्सएप या सोशल मीडिया के माध्यम से नोटिस जारी नहीं करती। लोगों से अपील है कि संदिग्ध कॉल या संदेश मिलने पर तत्काल 1930 साइबर हेल्पलाइन या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं।
“जागरूक रहें, सुरक्षित रहें – साइबर अपराध से बचाव ही सबसे बड़ा बचाव है।”
