अल्मोड़ा: जागेश्वर धाम में दर्शन करने वाले श्रद्धालु अब टोकरियों की जगह जूट के थैलों में प्रसाद ले जा सकेंगे। मंदिर प्रबंधन समिति ने चंदरों से होने वाली परेशानी को देखते हुए यह फैसला लिया है।
व्यापार मंडल के अध्यक्ष मुकेश भेटूट ने बताया कि अक्सर चंदरों के कारण श्रद्धालुओं के प्रसाद खराब हो जाते थे और उन्हें निराशा होती थी। इस समस्या को देखते हुए जूट के थैलों का विकल्प दिया गया है।
मकर संक्रांति के अवसर पर भगवान जागेश्वर महादेव घृत कमल रूपी गुफा में विराजमान रहेंगे। इसको लेकर मंदिर में तैयारियां जोरों पर हैं। पुजारी घी और अन्य आवश्यक सामग्री की व्यवस्था में जुटे हुए हैं।
तहसीलदार बरखा जताल ने बताया कि पुजारियों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं।
मकर संक्रांति पर विशेष पूजा
परंपरा के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन भगवान जागेश्वर महादेव एक महीने के लिए घृत कमल रूपी गुफा में विराजमान रहते हैं। फाल्गुन मास की संक्रांति पर उन्हें इस गुफा से निकाला जाता है और प्रसाद वितरण किया जाता है।
स्थानीय श्रद्धालुओं द्वारा एकत्रित किए गए घी को गर्म करके ठंडा किया जाता है और फिर इसे जागेश्वर महादेव की गुफा की आकृति में ढाला जाता है।