देहरादून। जीवन का अंतिम पड़ाव सबसे भावुक और कठिन क्षण होता है। अपनों के बिछड़ने का दुःख इतना गहरा होता है कि उस समय परंपरागत विधियों और क्रियाकर्म की जिम्मेदारियां निभाना परिवार के लिए अत्यंत कठिन हो जाता है। ऐसी ही स्थिति को समझते हुए हल्द्वानी के चार युवाओं ने एक अनोखी और संवेदनशील पहल की शुरुआत की है – ‘अंत्येष्टि: आदर और परंपरा के साथ।’
यह सेवा उन शोकाकुल परिवारों के लिए एक सच्चा सहारा बनकर उभरी है जो अपनों को खोने के बाद मानसिक रूप से टूट जाते हैं और अंतिम संस्कार की व्यवस्था करने में कठिनाई महसूस करते हैं। ‘अंत्येष्टि’ के माध्यम से अब अंतिम संस्कार की हर छोटी-बड़ी जरूरत की जिम्मेदारी एक समर्पित और प्रशिक्षित टीम निभाएगी, ताकि परिवार केवल अपने प्रियजन को श्रद्धांजलि दे सके।
सेवा में शामिल प्रमुख सुविधाएं:
• शव वाहन की सुविधा
• धार्मिक अनुष्ठानों हेतु पंडित/पुरोहित की उपलब्धता
• पूजा-पाठ की पूरी व्यवस्था और सामग्री
• लकड़ियाँ, गोमय, कपाल क्रिया के लिए आवश्यक संसाधन
• प्रसाद वितरण और भोजन की समुचित व्यवस्था
• अस्थि संग्रहण और विसर्जन की समग्र प्रक्रिया
‘अंत्येष्टि’ की सबसे बड़ी विशेषता इसकी भावनात्मक समझ और धार्मिक परंपराओं के प्रति संवेदनशीलता है। सेवा का हर चरण पूरी गरिमा, मर्यादा और सम्मान के साथ संपन्न कराया जाता है। इसके अलावा सेवा का मूल्य निर्धारण भी पारदर्शी और आम लोगों की पहुंच में रखा गया है।
संस्थापकों का उद्देश्य
संस्था के संस्थापकों का कहना है, “हमारा उद्देश्य है कि अंतिम यात्रा को बोझ नहीं, सम्मान और श्रद्धा का अवसर बनाया जाए। जब परिवार शोक में होता है, तो उन्हें व्यवस्थाओं की नहीं, सहारे की जरूरत होती है। हम यही सहारा देने का प्रयास कर रहे हैं।”
शहर में इस सेवा की शुरुआत के साथ ही लोगों की प्रतिक्रिया अत्यंत सकारात्मक रही है। विशेषकर वृद्धजन ने इस पहल को सराहते हुए इसे समय की जरूरत बताया है।
‘अंत्येष्टि’ न केवल एक सामाजिक नवाचार है, बल्कि यह उन संस्कारों की एक संवेदनशील अभिव्यक्ति है जो जीवन के अंतिम क्षणों को भी गरिमा और श्रद्धा से भर देते हैं।
संपर्क : इंस्टा ग्राम से – antyeshti_haldwani, 9837680149
