नई दिल्ली। देशभर में हर साल 14 नवंबर का दिन बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का जन्म हुआ था। उन्हें बच्चों से बेहद प्रेम था। इसी वजह से उनकी जयंती को बाल दिवस भी कहा जाता है। तो चलिए बिना देर किए जानते हैं आखिर क्यों मनाया जाता है बाल दिवस ।
बाल दिवस मनाने का मकसद है देश में बच्चों को बेहतर भविष्य, शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए जागरूकता बढ़ाना है। पंडित नेहरू के अनुसार, बच्चे देश का भविष्य हैं, इसलिए जरूरी है कि उनकी बेहतर देखभाल की जाए।
पहली बार 1954 में बाल दिवस मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषणा की गई थी, लेकिन साल 1964 में पंडित जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद, भारतीय संसद ने पहले प्रधान मंत्री की जयंती को बाल दिवस के रूप में मनाने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया।
बाल दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य देश में बच्चों की भलाई, शिक्षा और विकास के प्रति लोगों को जागरूक करना है। यह दिन बच्चों की मासूमियत, रचनात्मकता और क्षमता को दर्शाता है। 14 नवंबर का दिन बच्चों के लिए बेहद खास होता है। इस दिन उनकी स्किल्स बढ़ाने के लिए लोग कई तरह के कार्यक्रम करते हैं, इसमें बच्चे भी उत्साहपूर्वक हिस्सा लेते हैं। स्कूल, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों आयोजन किया जाता है।
बच्चों के अधिकार का बढ़ावा देना।
• शिक्षा के प्रति उत्साहित करना।
• बच्चों के विचारों का सम्मान करना।
• उनके आत्मविश्वास को बढ़ाना।
• खेल और मनोरंजन के प्रति बच्चों का जागरूक करना।
• बच्चों की रचनात्मक कार्यों को प्रोत्साहित करना।