उत्तराखंड पुलिस
उत्तराखंड एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई: ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर 90 लाख की साइबर ठगी करने वाला गिरोह सरगना हरियाणा से गिरफ्तार
देहरादून। उत्तराखंड एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने एक बड़े साइबर ठगी रैकेट का पर्दाफाश करते हुए ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर 90 लाख रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना को हरियाणा के रेवाड़ी से गिरफ्तार किया है।
एसटीएफ के अनुसार, आरोपी विकास कुमार पुत्र राजेन्द्र सिंह, निवासी सारण बिहार, फिलहाल कसोला, जिला रेवाड़ी, हरियाणा में रह रहा था। अभियुक्त पीड़ितों को सोशल मीडिया, विशेषकर व्हाट्सएप ग्रुपों के जरिए ऑनलाइन ट्रेडिंग में निवेश कर अधिक मुनाफा कमाने का झांसा देकर ठगी कर रहा था। आरोपी खुद को प्रतिष्ठित निवेश कंपनी IIFL Securities का चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर बताता था और IIFLPRO नामक फर्जी एप के जरिए निवेशकों को मुनाफा दिखाकर ठगता था।
पुलिस ने बताया कि ठगी गई राशि अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी जाती थी। जांच में सामने आया कि आरोपी ने कई बैंक खातों और फर्जी दस्तावेजों के जरिए लाखों का लेन-देन किया। उसके बैंक खाते में जून 2024 से जुलाई 2024 के बीच 46 लाख रुपये का संदिग्ध ट्रांजेक्शन पाया गया।
पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि वह ओमान भी जा चुका है और विदेशों में भी सिम कार्ड्स भेजकर अपराध में लिप्त रहा है। उसके पास से एक मोबाइल फोन, एक पासपोर्ट, चार एटीएम कार्ड और एक आधार कार्ड बरामद हुए हैं।
गिरफ्तारी पुलिस टीम में अपर उपनिरीक्षक सुनील भट्ट, कानि सोहन बडोनी और कानि महेश उनियाल शामिल थे, जबकि साइबर टीम में अपर उपनिरीक्षक मनोज बेनीवाल और हे0का0 राजाराम ने विशेष सहयोग किया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उत्तराखंड नवनीत सिंह ने बताया कि सितंबर 2024 में देहरादून निवासी पीड़ित की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था। पीड़ित ने आरोपी के बताए बैंक खातों में 90.5 लाख रुपये निवेश किए थे।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि आरोपी के बैंक खातों के खिलाफ देश के पांच राज्यों (हरियाणा, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, दिल्ली और तमिलनाडु) में साइबर अपराध के मुकदमे दर्ज हैं।
पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे सोशल मीडिया के जरिए आने वाले किसी भी तरह के लुभावने ऑफर, ऑनलाइन ट्रेडिंग, फर्जी साइट्स, यूट्यूब लाइक सब्सक्राइब, टेलीग्राम चैनल और टिकट बुकिंग जैसे झांसे में न आएं। किसी भी संदिग्ध कॉल, लिंक या स्कीम की सत्यता की जांच अवश्य कर लें। वित्तीय साइबर अपराध होने की स्थिति में तुरंत 1930 नंबर या नजदीकी साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन से संपर्क करें।
