उत्तराखंड पुलिस
उत्तराखंड एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई, रिटायर्ड कुलपति से 1.47 करोड़ की साइबर ठगी करने वाले दो आरोपी दिल्ली से गिरफ्तार
देहरादून। उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) साइबर क्राइम पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए करोलबाग (दिल्ली) से दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। ये दोनों आरोपी रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय की सेवानिवृत्त कुलपति को “डिजिटल अरेस्ट” के झांसे में लेकर 1.47 करोड़ रुपये की साइबर ठगी में शामिल थे। इससे पहले इसी मामले में 31 अगस्त को हिमाचल प्रदेश के सोलन से एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया था।
जांच में सामने आया कि आरोपियों ने खुद को महाराष्ट्र साइबर क्राइम पुलिस अधिकारी बताकर पीड़िता को व्हाट्सएप कॉल पर 12 दिनों तक “डिजिटल अरेस्ट” में रखा। आरोपियों ने झूठा आरोप लगाया कि पीड़िता के नाम पर खोले गए बैंक खाते में 60 करोड़ रुपये मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े हैं। कानूनी कार्रवाई का भय दिखाकर आरोपियों ने पीड़िता से खाते “वैरिफाई” करने के नाम पर विभिन्न खातों में 1.47 करोड़ रुपये जमा करा लिए।
एसटीएफ की टीम ने तकनीकी विश्लेषण कर दिल्ली के करोलबाग स्थित पीजी गेस्ट हाउस से दो आरोपियों मोहम्मद सैफ (लखनऊ) और शकील अंसारी (झारखंड) को गिरफ्तार किया। उनके कब्जे से 09 मोबाइल फोन, 14 सिम कार्ड, 03 चेकबुक, 07 हस्ताक्षरित चेक, 04 डेबिट कार्ड, एक पासपोर्ट और एक फर्जी कंपनी की मोहर बरामद हुई।
एसटीएफ की जांच में खुलासा हुआ कि आरोपियों के बैंक खातों का इस्तेमाल देशभर में कई राज्यों में डिजिटल अरेस्ट धोखाधड़ी के लिए किया गया है। पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ के मार्गदर्शन में साइबर पुलिस लगातार जागरूकता अभियान चलाकर आमजन के पैसे बचाने और साइबर अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में जुटी है।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ, श्री नवनीत सिंह ने जनता से अपील की है कि किसी भी कॉल पर डिजिटल अरेस्ट या सेटलमेंट के नाम पर पैसे न दें। यह पूरी तरह ठगी है। किसी भी संदेहास्पद कॉल पर तुरंत 1930 डायल करें या साइबर पोर्टल अथवा नजदीकी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करें।
