हरिद्वार

आखिर योगगुरु रामदेव क्यों बोले, हमारे और पतंजलि के पीछे पड़े हैं कुछ मेडिकल माफिया

बाबा रामदेव ने बताई वजह और कहा, पतंजलि के खिलाफ प्रोपेगेंडा के तहत झूठा प्रचार किया जा रहा
हरिद्वार। योगगुरु स्वामी रामदेव ने कहा कि हमारे और पतंजलि के पीछे कुछ मेडिकल माफिया पड़े हुए हैं। पतंजलि के खिलाफ प्रोपेगेंडा के तहत झूठा प्रचार किया जा रहा है। योगगुरु ने कहा कि मेडिकल सेक्टर से जुड़े कुछ लोग योग, आयुर्वेद और नेचुरोपैथी का विरोध करते हैं। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की एक टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा कि तथ्यों के साथ अपनी बात रखने का अवसर पतंजलि मांगेगी और मरीजों के साथ अपनी रिसर्च को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाएगा। ये बातें योगगुरु ने बुधवार को पतंजलि विवि में पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहीं।
योगगुरु ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर पतंजलि को लेकर चल रहे प्रचार के विषय में पत्रकारों से वार्ता की। इस दौरान योगगुरु ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आने से पहले ही मेडिकल सेक्टर से जुड़े लोग पतंजलि को लेकर दुष्प्रचार कर रहे हैं। हम सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं। यदि पतंजलि झूठे विज्ञापन या प्रोपेगेंडा कर रही है, तो कोर्ट पतंजलि पर एक हजार करोड़ का जुर्माना लगाए या हमें फांसी की सजा दे तो भी हमें आपत्ति नहीं है, लेकिन हम झूठा प्रचार नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि योग, आयुर्वेद, नेचरोपैथी, पंचकर्म, षट्कर्म की सैकडों थैरेपी, उपवास और उपासना पद्धति के इंटीग्रेटिड ट्रीटमेंट से हमने लाखों लोगों को रोगमुक्त किया है। योगगुरु ने दावा किया कि बीपी, शुगर, थायराइड, अस्थमा, आर्थराइटिस और मोटापा से लेकर लीवर, किडनी फेल्यिर और कैंसर जैसे प्राणघातक रोगों से हजारों लोगों को मुक्त किया है। इसके तथ्य हमारे पास मौजूद हैं।
एक करोड़ से अधिक लोगों का डेटा बेस, रियल वर्ल्ड एविडेंस और क्लिीनिकल एविडेंस भी हमारे पास है। हमारे पास ट्रेडिशनल ट्रीटमेंट और सनातन ज्ञान परंपरा पर शोध करने के लिए विश्व का सबसे श्रेष्ठ रिसर्च सेंटर पतंजलि रिसर्च फाउंडेशन है। रिसर्च सेंटर के तीन हजार से अधिक रिसर्च प्रोटोकोल फॉलो करके पांच सौ रिसर्च पेपर वर्ल्ड के टॉप रिसर्च जनरल्स में छप चुके हैं।
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि पतंजलि ने कोई कार्य कभी किसी चाहत से नहीं किया है। जब हमारी कोई चाहत नहीं है तो हमें आसुरी शक्ति से डरने की भी जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान हुई बात को आधार बना कर षड्यंत्र के तहत दुष्प्रचार किया जा रहा है। कानून की बात को कानून से लड़ा जाएगा।
योगगुरु ने कहा कि जिस डॉक्टर ने मधुमेह की बीमारी के लिए इन्सुलिन बनाई थी, उस डॉक्टर को नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था। लेकिन हम रोग को पूरी तरह ठीक कर इन्सुलिन को खत्म कर रहे हैं। हमारे रोगी इन्सुलिन नहीं लेते हैं। इन्सुलिन को खत्म करने वाले को डबल नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए। योगगुरु ने कहा कि सच और झूठ का फैसला होना चाहिए। पैसे से सच और झूठ का निर्णय नहीं कर सकते हैं। हम तथ्यों के साथ अपनी बात रखेंगे। अगर दूसरे लोग गलत साबित होते हैं तो उन लोगों पर भी जुर्माना लगना चाहिए। हम पूरी दुनिया के ड्रग्स माफिया से लड़ने को तैयार हैं।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

CWN उत्तराखंड समेत देश और दुनिया भर के नवीनतम समाचारों का डिजिटल माध्यम है। अपने विचार या समाचार प्रसारित करने के लिए हमसे संपर्क करें। धन्यवाद

[email protected]

संपर्क करें –

ईमेल: [email protected]

Select Language

© 2023, CWN (City Web News)
Get latest Uttarakhand News updates
Website Developed & Maintained by Naresh Singh Rana
(⌐■_■) Call/WhatsApp 7456891860

To Top
English हिन्दी