उत्तराखंड पुलिस
मुख्यमंत्री के सख्त नकल विरोधी कानून के तहत बड़ी कार्रवाई, STF और देहरादून पुलिस ने पकड़ा नकल माफिया हाकम सिंह और उसका गिरोह
देहरादून। उत्तराखंड पुलिस और STF ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए नकल माफिया के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त नकल विरोधी कानून के तहत देहरादून पुलिस ने हाकम सिंह और उसके सहयोगी को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी अभ्यर्थियों को परीक्षा में पास कराने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी की योजना बना रहे थे।
पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी गिरोह अभ्यर्थियों से 12 से 15 लाख रुपये तक की मांग करता था। उनका तरीका यह था कि यदि परीक्षार्थी स्वयं ही परीक्षा पास कर लेता, तो ये लोग उसका पैसा हड़प लेते। वहीं, यदि अभ्यर्थी असफल हो जाता, तो अगली परीक्षा में पैसे को “एडजस्ट” करने का लालच देकर उसे फिर से जाल में फंसाते। इस तरह यह गिरोह बेरोजगार युवाओं की मजबूरी का फायदा उठाकर करोड़ों कमाने की साजिश रच रहा था।
देहरादून पुलिस और STF को दो दिन पहले गोपनीय सूचना मिली थी कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा 21 सितंबर को आयोजित होने वाली स्नातक स्तरीय परीक्षा से पहले कुछ लोग अभ्यर्थियों से संपर्क कर पास कराने का प्रलोभन दे रहे हैं। इस आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की और सर्विलांस के जरिए जानकारी जुटाई। जांच में पंकज गौड़ नामक अभ्यर्थी का हाकम सिंह से संपर्क होने की पुष्टि हुई। इसके बाद पुलिस ने दोनों को पटेलनगर क्षेत्र से दबोच लिया।
गिरफ्तार आरोपियों में हाकम सिंह पुत्र केदार सिंह निवासी ग्राम निवाड़ी, थाना मोरी, जिला उत्तरकाशी (उम्र 42 वर्ष) और पंकज गौड़ पुत्र केशवानंद गौड़ निवासी ग्राम कंडारी, ब्लॉक नौगांव, जिला उत्तरकाशी (उम्र 32 वर्ष) शामिल हैं। इनके खिलाफ कोतवाली पटेलनगर में “उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम एवं उपाय) अध्यादेश 2023” के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
पुलिस और STF ने साफ किया है कि इस पूरे प्रकरण में परीक्षा की गोपनीयता और सुचिता से कोई समझौता नहीं हुआ है। यह गिरोह केवल अभ्यर्थियों को गुमराह करने और उनसे मोटी रकम ऐंठने की योजना बना रहा था।
देहरादून पुलिस ने अभ्यर्थियों से अपील की है कि वे किसी भी तरह के प्रलोभन या धोखेबाज तत्वों के झांसे में न आएं और परीक्षा केवल अपनी मेहनत और योग्यता से दें। साथ ही ऐसे किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की जानकारी तुरंत पुलिस या STF को दें।
