हल्द्वानी

हल्द्वानी हिंसा की कहानी घायल पुलिस कर्मियों और प्रेस फोटोग्राफर की जुबानी

हल्द्वानी। मलिक के बगीचे के पास की गलियों के साथ ही घरों की छतों से लोग पत्थरबाजी कर रहे थे। एकाएक भीड़ उग्र हो गई और अधिकारियों के साथ ही पुलिसकर्मियों को घेरकर पथराव शुरू कर दिया। अधिकारी और सिपाही आसपास के घरों, गलियों और जो सुरक्षित स्थान लग रहा था, वहां जान बचाने के लिए छिप रहे थे। वहीं, उपद्रवी पत्थरों की बौछार करने के साथ पुलिस, नगर निगमकर्मियों को पकड़ कर ईंटों से हमला कर रहे थे। इस भगदड़ में कई कर्मचारी और सिपाही जमीन पर भी गिर गए थे। फिर भी जैसे-तैसे जान बचाई और लहूलुहान अवस्था में अस्पताल पहुंचे। पूरे घटनाक्रम से जुड़ी आंखों देखी और आपबीती को पुलिसकर्मियों और प्रेस फोटोग्राफर ने बताया। एक अखबार की रिपोर्ट के हवाले से लोगों की आपबीती…


स‍िर पर नुकीली चीज से क‍िया प्रहार 
कैमरा देख समझ गए कि मीडियाकर्मी हूं। इसके बाद टूट पड़े। बचाव के लिए पहने हेलमेट को छीनने के बाद सिर पर नुकीली चीज से प्रहार शुरू कर द‍िया। कैमरा छीनने पर घायल संजय ने कहा कि चिप दे दो। क्योंकि, फोटो इसके अंदर है लेकिन कैमरे को छोड़ दो, लेकिन वो कहां सुनने वाले थे। इसके बाद पूरा कैमरा ही तोड़ दिया। घायल होने पर संजय जमीन पर गिर पड़े। उपद्रवियों के दूसरी दिशा में भागने पर खुद ही घिसटते हुए बाहर तक निकले। यह पीड़ा किसी एक मीडियाकर्मी की नहीं बल्कि अधिकांश की यही स्थिति थी। प्रशासन से लेकर पुलिसकर्मियों के जख्म भी इसी तरह की कहानी बयां कर रहे हैं। –संजय कनेरा, प्रेस फोटोग्राफर

यह भी पढ़ें 👉  सूर्पनखा नासिका छेदन, खर-दूषण वध और सीता हरण का मंचन हुआ


भीड़ ने पकड़कर मारना शुरू कर दिया

मैं मदरसे के सामने ड्यूटी पर तैनात था। नारेबाजी के बीच हर तरफ से पत्थर मारे जा रहे थे। इस बीच हुई भगदड़ में सुरक्षित स्थान पर जाने लगे तो भीड़ ने पकड़ लिया और मारना शुरू कर दिया। बचने के लिए नगर निगम की गाड़ी में छिपा तो वहां से भी निकाल कर सिर पर हमले किए। हालांकि, कुछ लोगों ने बचाया, फिर बेस अस्पताल पहुंचा।- उमेश सुयाल, पीआरडी जवान


लोगों ने बचाई जान
मलिक के बगीचे में अवैध निर्माण पर कार्रवाई के दौरान भी पत्थर बरस रहे थे। मैंने सुरक्षा साधनों की मदद से बचाव किया। मगर जैसे ही मशीन हटी तो भीड़ उग्र हो गई। ऐसे में भागने लगे तो पीछे से आए कुछ लोगों ने पकड़ लिया और मारने लगे। हालांकि, कुछ स्थानीय लोगों ने अपने घर ले जाकर बचाया। इसी के साथ प्राथमिक उपचार भी किया। उसके बाद अस्पताल पहुंचे।- संतोष बिष्ट, कांस्टेबल

यह भी पढ़ें 👉  नैनीताल के एनसीसी कैडेट कैप्टन अरिन राणा सिंगापुर, कम्बोडिया और मलेशिया का भ्रमण करेंगे


पैरों पर पड़े कई पत्‍थर
अतिक्रमण पर हो रही कार्रवाई के विरोध में नारेबाजी हो रही थी। साथ ही लगातार पथराव भी हो रहा था। ऐसे में हम जैसे-तैसे बचाव कर रहे थे। इस बीच हाथ और पैरों पर काफी पत्थर पड़े। बेस अस्पताल आकर प्राथमिक उपचार कराया। चिकित्सकों ने दवाएं दी हैं और गुम चोट बताई है।- चंद्रा कांडपाल, कांस्टेबल


भगदड़ में गिर गई और लोग मेरे ऊपर से दौड़ते रहे
हमारे पास सुरक्षा साधनों के साथ ही एक लाठी ही थी। चारों ओर से पथराव हो रहा था। ऐसे में भगदड़ शुरू हो गई और भगने लगे तो मैं सड़क पर गिर गई। ऐसे में मेरे ऊपर से कई लोग गुजरे मगर कुछ लोगों ने बचाया और अस्पताल ले आए। मेरे पैरों में चोटें आई हैं। हाथों में भी चोट आई है। मुझे बचने की कोई उम्मीद नहीं थी, लेकिन मैं कैसे बची पता नहीं।- गुरमीत कौर, कांस्टेबल

Most Popular

CWN उत्तराखंड समेत देश और दुनिया भर के नवीनतम समाचारों का डिजिटल माध्यम है। अपने विचार या समाचार प्रसारित करने के लिए हमसे संपर्क करें। धन्यवाद

[email protected]

संपर्क करें –

ईमेल: [email protected]

Select Language

© 2023, CWN (City Web News)
Get latest Uttarakhand News updates
Website Developed & Maintained by Naresh Singh Rana
(⌐■_■) Call/WhatsApp 7456891860

To Top
English हिन्दी