नैनी (अल्मोड़ा)। फूलदेई के रंग! पहाड़ों में लोक के साथ प्रकृति का पर्व है फूल देई।एक लंबे पतझड़ के बाद आजकल पहाड़ों में बसंत के रंग भरे हुए हैं, जिधर तक नज़र जाए वहाँ तक प्रकृति ने पेड़ों को और पहाड़ों को अपने रंग में रंग दिया है। गुलाबी, सफ़ेद और लाल रंगों के फूलों से भरे इन पेड़ों को देख आप सब कुछ भूल कर इनके सामने घंटों खड़े रह सकते हैं, ये इतने सुंदर हैं की आप इनके अलावा कुछ और सोच ही नहीं पाते।बुरांश के सुर्ख़ लाल फूलों से लदे पेड़ों के जंगल के बीच में चलते हुए लगता है जैसे आप किसी और ही दुनिया में आ गए हों, शहरों के शोरगुल से दूर प्रकृति की ख़ास बसंत के लिए बसाई यह दुनिया हर साल अपना रंग दिखाती है और जीने का उल्लास देती है ख़ुशी देती है।जंगल की शांति में बुरांश के पेड़ों में इन फूलों से खेलती छोटी छोटी चिड़ियाओं की आवाज़ें और चहचहाहट एक ख़ास संगीत रचती हैं जो शायद ही आप कहीं और सुन पायें इसके लिए प्रकृति के नज़दीक जाना होता है और उसे महसूस करना होता है। हमने भी कुछ ऐसा ही किया कल फूल देई के दिन अपना दिन इन जंगलों और फूलों के बीच बिताकर, प्रकृति के बीच प्रकृति के त्यौहार फूल देई को मनाकर! आप भी आनंद लें जंगल में फूल देई का इन तस्वीरों के माध्यम से।
पहाड़ों में वसंत ऋतु के रंग
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