अल्मोड़ा। “नशा नहीं, रोजगार दो” उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी और अन्य तमाम सामाजिक संगठनों के संयुक्त अभियान के तहत रामनगर से शुरू हुए नशा विरोधी आंदोलन का असर चाहे दिखावे के लिए ही सही, प्रदेश स्तर पर पुलिस की कार्यवाहियों में नजर आने लगा है। खानापूर्ति कहें चाहे कुछ भी कह लें, जगह जगह पुलिस छापेमारी कर विज्ञप्ति जारी कर रही है। किंतु आंदोलन के तहत सरकार की रोजगार विरोधी नीतियों के खिलाफ और रोजगार नीति की समीक्षा के लिए दबाव बनाने के साथ ही अभिभावकों को भी विश्वास में लेने की जरूरत है। उन्हें समझना होगा कि वे अपने बच्चों के असामान्य व्यवहार पर नजर रखें। उसे नजरंदाज न करें । उसे छुपाएं भी नहीं। उसका उपचार करें। ये बात उत्तराखण्ड परिवर्तन के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने नशा विरोधी जन अभियानों की एक बैठक में कही।
उन्होंने कहा कि नशे की लत लगने के कारणों की भी तलाश कर, इसके मूल में भी चोट करना जरूरी है। तभी नशा कारोबारी और कारोबार दोनों खत्म होंगे।
नशा विरोधी जन अभियानों का असर दिखने लगा: उपपा
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