देहरादून रायवाला के हरिपुरकलां निवासी पर्वतारोही विनय का शव मिलने की सूचना से गांव में माहौल गमगीन
देहरादून। बीते वर्ष चार अक्टूबर को उत्तरकाशी में द्रौपदी का डांडा (डीकेडी) चोटी पर हुए हिमस्खलन (एवलांच) की चपेट में आकर क्रेवास में दबे नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के प्रशिक्षु पर्वतारोहियों में रायवाला के हरिपुरकलां निवासी विनय पंवार भी शामिल था। अब एक वर्ष बाद बीते बुधवार को विनय का शव द्रौपदी का डांडा क्षेत्र से बरामद हुआ। भारतीय नौ सेना में कार्यरत विनय का सपना एवरेस्ट पर चढ़ने का था। मगर एक वर्ष पूर्व पर्वतारोहण के दौरान हुई हिमस्खलन की घटना में विनय का यह सपना दब कर रह गया।
स्वजन के मुताबिक, उनको निम की ओर से विनय का शव मिलने की सूचना दी गई। बताया कि शुक्रवार को भारतीय नौ सेना की टीम विनय के शव को लेकर उसके आवास पहुंचेगी। जिसके बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा।
शव मिलने के साथ ही एक वर्ष से लापता विनय के जिंदा रहने की उम्मीद टूट गई थी। शव मिलने की सूचना के बाद से गांव का माहौल गमगीन है। बीते गुरुवार को आसपास के लोग व कई रिश्तेदार विनय के माता-पिता को हिम्मत बंधाने पहुंचे। माता नारायणी का रो-रोकर बुरा हाल है। विनय के बड़े भाई दीपक और पिता राजेंद्र पंवार उनको संभाल रहे हैं।
विनय का सपना एवरेस्ट पर्वत पर चढ़ने का था। वह अक्सर एवरेस्ट के बारे में बात करता था। विनय ने पर्वतारोहण का प्राथमिक कोर्स कर लिया था। वर्ष 2019 में उसने रुद्राखेड़ा पिक फतेह की। बीते वर्ष वह निम में 28 दिन के एडवांस कोर्स के लिए गया था।
चार अक्टूबर 2022 की सुबह निम के एडवांस कोर्स का प्रशिक्षु व प्रशिक्षक दल समिट कैंप से डीकेडी आरोहण के लिए निकला था। इसी दौरान दल में शामिल दो प्रशिक्षक और 29 प्रशिक्षु पर्वतारोही हिमस्खलन की जद में आ गए थे। इनमें से 27 के शव बीते वर्ष ही बरामद कर लिए गए, जबकि देहरादून निवासी विनय पंवार और आर-131, सेक्टर-4, नोएडा (उत्तर प्रदेश) निवासी सेना अस्पताल लखनऊ में चिकित्सक ले. कर्नल दीपक वशिष्ठ लापता चल रहे थे।
इन दो प्रशिक्षु पर्वतारोहियों की तलाश के लिए इस बार निम ने अपने एडवांस कोर्स के साथ अभियान चलाया। इस अभियान का नेतृत्व स्वयं निम के प्रधानाचार्य कर्नल अंशुमन भदौरिया कर रहे हैं। बुधवार सुबह डीकेडी स्थित घटनास्थल के क्रेवास से विनय पंवार का शव बरामद हुआ। दूसरे की तलाश जारी है।
उत्तरकाशी कोतवाली में तैनात निरीक्षक दिनेश कुमार ने बताया कि विनय को बचपन से ही साहसिक खेलों और पर्वतारोहण का शौक था। फरवरी 2023 में उनकी शादी होनी थी, लेकिन इससे पहले ही हिमस्खलन हादसे में वह दुनिया से विदा हो गए।