उत्तराखंड पुलिस
बड़ा खुलासा: म्यांमार में ‘बंधक’ बनाकर उत्तराखंड के 9 युवाओं से जबरन कराई जा रही थी साइबर ठगी
रुद्रपुर में म्यांमार से लौटे 9 युवाओं ने साइबर पुलिस को सुनाई आपबीती। नौकरी का झांसा देकर विदेश भेजा गया और KK पार्क में कैद कर साइबर फ्रॉड कराया गया। छह एजेंटों पर FIR दर्ज।
रुद्रपुर। उत्तराखंड के नौ युवाओं को म्यांमार में बंधक बनाकर जबरन साइबर ठगी कराने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। रुद्रपुर में म्यांमार से मुक्त होकर लौटे इन युवाओं ने साइबर पुलिस को अपनी भयानक आपबीती बताई। युवाओं को अवैध रूप से विदेश भेजा गया था। वहाँ उन्हें म्यांमार के कुख्यात केके पार्क नामक परिसर में बंद कमरों में कैद कर दिया गया था। इस परिसर में भारत के अलावा पाकिस्तान, बांग्लादेश और कई अफ्रीकी देशों के सैकड़ों युवक-युवतियां भी बंधक थे।
⛓️ जबरन कराया जा रहा था साइबर फ्रॉड का काम
साइबर क्राइम थाना पंतनगर प्रभारी अरुण कुमार ने इस मामले की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि एजेंटों ने उत्तराखंड और अन्य राज्यों के इन युवकों को ऊंचे वेतन वाली नौकरी का झांसा दिया था। इसके लिए प्रति युवा 70 हजार से दो लाख रुपये तक वसूले गए। वहां पहुंचने पर उन्हें कैद कर लिया गया। बंधक बनाकर उनसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर साइबर फ्रॉड कराया जा रहा था। यह पूरा नेटवर्क उत्तराखंड, यूपी, गुजरात और मुंबई तक फैला हुआ है, जिसमें विदेशी एजेंट भी शामिल हैं।
पुलिस ने छह एजेंटों पर दर्ज किया मुकदमा, एक गिरफ्तार
हाल ही में भारत सरकार और उत्तराखंड पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के तहत नौ भारतीय युवकों को सफलतापूर्वक छुड़ाया गया। ये सभी जसपुर, काशीपुर, पिथौरागढ़ और बागेश्वर के निवासी हैं। उपनिरीक्षक शंकर सिंह रावत की पूछताछ के बाद छह नामजद एजेंटों समेत कई अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपी एजेंटों में जसपुर निवासी सुनील कुमार, अशोक, पिंकी और काशीपुर के नीरव चौधरी, प्रदीप, तथा मुंबई निवासी धनंजय शामिल हैं। नीरव चौधरी को पहले ही सूरत साइबर क्राइम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
एजेंटों के झांसे से बचें युवा, पुलिस जांच जारी
यह घटना उन युवाओं के लिए एक बड़ी चेतावनी है जो विदेश में नौकरी की तलाश में एजेंटों पर भरोसा करते हैं। युवाओं ने बताया कि उन्हें कई दिनों तक शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। पुलिस को जांच में पता चला है कि यह गैंग उत्तराखंड की सपना और गौरव समेत अन्य युवाओं को भी जल्द ही म्यांमार भेजने की तैयारी में था। उत्तराखंड पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी नौकरी के ऑफर को स्वीकार करने से पहले उसकी पूरी जांच पड़ताल अवश्य करें और ऐसे फर्जी जॉब रैकेट से बचें।
