अल्मोड़ा: जागेश्वर धाम में मकर संक्रांति के पावन पर्व पर भगवान भोलेनाथ एक माह की तपस्या के लिए घी से निर्मित गुफा में विराजमान हो गए हैं। प्राचीन परंपरा के अनुसार, भगवान शिव प्रत्येक वर्ष माघ मास में ध्यानमग्न रहते हैं। इसी मान्यता को निभाते हुए, जागेश्वर धाम में ढाई कुंतल शुद्ध गाय के घी से एक गुफा का निर्माण किया गया है।
पुजारियों ने विधि-विधान से पूजा अर्चना के बाद भगवान शिव को इस गुफा में स्थापित किया। अगले एक महीने तक भक्त भोलेनाथ के दर्शन नहीं कर पाएंगे। माना जाता है कि इस दौरान भगवान शिव साधना में लीन रहते हैं।
इस अवधि में गुफा के घी को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाएगा। मान्यता है कि इस घी में अनेक औषधीय गुण होते हैं।
मकर संक्रांति के दिन हजारों श्रद्धालुओं ने जागेश्वर धाम में पहुंचकर भगवान शिव के दर्शन किए। ब्रह्म कुंड में स्नान कर श्रद्धालुओं ने पुण्य लाभ प्राप्त किया। सुबह से ही मंदिर परिसर में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी।
मंदिर समिति के उपाध्यक्ष नवीन भट्ट, पुजारी प्रतिनिधि नवीन चंद्र भट्ट, मुख्य पुजारी हेमंत भट्ट सहित अन्य पुजारियों ने इस धार्मिक अनुष्ठान में भाग लिया।