उत्तराखंड पुलिस
उत्तराखंड एसटीएफ की बड़ी कार्रवाई: वाल्मीकि गैंग पर शिकंजा, दो पुलिसकर्मी गिरफ्तार
देहरादून। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ श्री नवनीत सिंह भुल्लर ने स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि कुख्यात वाल्मीकि गैंग को जड़ से खत्म किया जाएगा। इसी क्रम में मनीष बॉलर प्रकरण में बड़ा खुलासा हुआ है, जिसमें दो पुलिसकर्मियों को गैंग से संबंध रखने पर गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
मामला क्या है?
रुड़की क्षेत्र के ग्राम सुनेहरा निवासी श्याम बिहारी की मृत्यु (2014) के बाद उनकी करोड़ों की संपत्ति विवादों में घिर गई। 2018 में इस संपत्ति पर कब्जा जमाने की नीयत से प्रवीण वाल्मीकि गैंग ने श्याम बिहारी के भाई कृष्ण गोपाल की हत्या कर दी। इसके बाद मृतक की पत्नी रेखा पर लगातार दबाव बनाया गया। 2019 में रेखा के भाई सुभाष पर भी हमला कराया गया, जिससे परिवार भयभीत होकर क्षेत्र छोड़ गया।
गैंग ने इसी बीच फर्जी पहचान बनाकर रेखा और कृष्ण गोपाल की पत्नी के नाम से फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी तैयार की और संपत्ति बेच दी। इसमें मनीष बॉलर और पंकज अष्टवाल की अहम भूमिका रही।
एसटीएफ की जांच और गिरफ्तारी
एसटीएफ ने इस मामले में एफआईआर संख्या 415/25 थाना गंगनहर में दर्ज कराई थी। जांच में सामने आया कि हरिद्वार के कांस्टेबल शेर सिंह और मेरठ निवासी कांस्टेबल हसन अब्बास जैदी, जो वर्तमान में पिथौरागढ़ जनपद में तैनात थे, गैंग से सांठगांठ में शामिल थे।
जांच में यह भी पाया गया कि –
• दोनों पुलिसकर्मियों की मुलाकातें प्रवीण वाल्मीकि से जेल में हुईं।
• मनीष बॉलर के साथ इनका कॉल डिटेल्स मेल खाता है।
• शेर सिंह ने रुड़की कोर्ट में पीड़ित परिवार को गैंग से मिलवाया।
• हसन जैदी ने पीड़िता के बेटे को धमकाकर जमीन बेचने का दबाव बनाया।
गिरफ्तार आरोपियों का विवरण
• शेर सिंह, उम्र 36 वर्ष, निवासी ग्राम बहादरपुर जट, जिला हरिद्वार।
• हसन अब्बास जैदी, उम्र 46 वर्ष, निवासी खेरवा जलालपुर, सरधना, जिला मेरठ।
