उत्तराखंड पुलिस

रिलायंस ज्वैलरी शोरूम डकैती में बिहार के गैंग के जुड़े हैं तार, फंडिंग मैनेजर समेत दो गिरफ्तार

देहरादून। देहरादून के रिलायंस ज्वैलरी शोरूम डकैती में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। दून पुलिस ने गैंग के बिहार स्थित कंट्रोल हाउस पर छापा मारकर बदमाशों को फंडिंग करने वाले आरोपी समेत दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को घटना में शामिल बदमाशों के संबंध में महत्वपूर्ण साक्ष्य भी मिले हैं।
धनतेरस से पहले दिन हुई डकैती की वारदात के खुलासे में लगी पुलिस टीमें गैंग को ट्रेस करने में जुटी हैं। कटनी और लातूर (महाराष्ट्र) में भी दून जैसी घटनाएं हुई हैं। वहां से संपर्क करने के बाद दून पुलिस को गैंग की शातिराना कार्यप्रणाली के बारे में पता चला। इस बीच मिली जानकारी के आधार पर दून पुलिस ने बिहार के वैशाली स्थित गैंग के कंट्रोल हाउस पर छापा मारा। वहां से अमृत कुमार और विशाल कुमार को गिरफ्तार किया गया। पुलिस के मुताबिक अमृत गैंग के लिए फंडिंग करवाता है। पिछले दिनों अंबाला में गिरफ्तार रोहित जिसने बंगाल में घटना के दौरान फंडिंग की थी,उससे अमृत के संबंध पता लगे हैं। विशाल को गैंग के लिए लॉजिस्टिक जैसे अभियुक्तों द्वारा घटना के वक्त पहने कपड़े,टोपी आदि मुहैया कराने का आरोप है। विशाल गैंग के लिए वर्चुअल फोन प्रोवाइड करवाता था। जिससे गैंग के सदस्यों की लोकेशन ट्रेस करना मुश्किल होता था।
दून पुलिस को कई और महत्वपूर्ण जानकारियां और साक्ष्य मिले हैं। आठ नवंबर को यमुनानगर में वारदात में अभियुक्त पवन को पकड़ा गया था। पवन ने भी पुष्टि की की सुबोध गैंग के सदस्य देहरादून में घटना करने आए थे। दून पुलिस गिरफ्तार दोनों आरोपियों का ट्रांजिट रिमांड लेने में जुट गई है।
सुबोध उर्फ छोटू गैंग का संचालन बिहार स्थित वैशाली में कंट्रोल हाउस से हो रहा था। देहरादून में घटना में शामिल अभियुक्तों को भी यहीं से कंट्रोल किया जा रहा था। घटना से पहले सभी सदस्य कंट्रोल हाउस में एकत्रित होते थे,वहीं टास्क,मोबाइल फोन,गाड़ी,कपड़े व असलहे आदि उपलब्ध कराए जाते थे। घटना के बाद भी गैंग वहीं एकत्रित होता था। फिर आगे की रणनीति बनाई जाती थी।
घटना के वक्त सेंसर अलर्ट अथवा मोबाइल फोन से किसी को सूचना न हो पाए,इसके लिए गैंग पोर्टेबल सिग्नल जैमर का इस्तेमाल करता है। जैमर की वजह से सभी सेंसर और मोबाइल फोन निष्क्रिय हो जाते हैं। कटनी (मध्य प्रदेश) और सांगली (पश्चिम बंगाल) की घटनाओं में गैंग ने इसी जैमर का इस्तेमाल किया था।
वारदात से पहले गैंग हरिद्वार में एक गेस्ट हाउस में ठहरा था। घटना के वक्त बदमाशों ने जो कपड़े पहन रखे थे,वे नजीबाबाद में एक स्टोर से खरीदे गए थे। पुलिस को अभियुक्तों के खाते में घटना से पहले ट्रांजक्शन के बारे में भी जानकारी मिल गई है।

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