Connect with us

नैनीताल

आस्था और रोमांच का अद्भुत संगम मां टीटेश्वरी मंदिर, कोटाबाग से 7 किमी पैदल

Published

on

नैनीताल। जिले की सुरम्य वादियों में स्थित मां टीटेश्वरी मंदिर एक ऐसा दिव्य स्थान है, जहां प्रकृति ने स्वयं देवी के नौ स्वरूपों को कठोर चट्टान पर उकेरा है। नैनीताल से लगभग 56 किलोमीटर दूर कोटाबाग ब्लॉक में स्थित यह मंदिर न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि एक रोमांचकारी और अद्वितीय तीर्थ स्थल भी है।

कहा जाता है कि इस स्थान का संबंध हजारों वर्ष पुरानी एक पौराणिक कथा से जुड़ा है। सुनौला गांव के एक ब्राह्मण को मां ने स्वप्न में दर्शन दिए और पूजा के लिए टीट नामक स्थान पर बुलाया। ब्राह्मण जब जंगल से होते हुए करीब सात किलोमीटर चलकर थका-हारा एक चट्टान के नीचे बैठा, तो उसकी नजर चट्टान पर देवी की नौ अलग-अलग रूपों की आकृतियों और एक शेर की प्रतिमा पर पड़ी। यह आकृतियां इतनी स्पष्ट और जीवंत थीं कि उस स्थान को मां टीटेश्वरी का मंदिर मानकर पूजा-अर्चना शुरू कर दी गई।

यह भी पढ़ें 👉  मकान मालिक ने मांगी आईडी तो कमरा लिए बगैर चले गए आतंकी

विशेष बात यह है कि यह नौ रूप एक ही चट्टान में नौ परतों के रूप में उभरे हुए हैं, जिन्हें देखने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से यहां आते हैं। इसके अलावा मंदिर परिसर में भगवान हनुमान की आकृति और प्राकृतिक रूप से बने शेर के मुख का चित्र भी दिखाई देता है। श्रद्धालुओं का विश्वास है कि यहां सच्चे मन से की गई पूजा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
एक अन्य मान्यता के अनुसार, मां टीटेश्वरी पूजा के पश्चात ब्राह्मणों को गुफा से सोने का सिक्का देती थीं। लेकिन जब एक ब्राह्मण ने लालच में आकर गुफा में लकड़ी डाल दी, तो सिक्के गिरना बंद हो गए। तब से यह कथा इस स्थान की चेतावनी और श्रद्धा का प्रतीक बन गई।

यह भी पढ़ें 👉  जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग को जनआंदोलन बना रहीं दिशा तलवार

7 किमी की है रोमांचक पैदल चढ़ाई
मंदिर तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को कोटाबाग से 7 किलोमीटर की रोमांचक पैदल चढ़ाई करनी होती है, जो घने जंगलों और सुंदर प्राकृतिक दृश्यों से भरी हुई है। मंदिर के पास ही एक जल स्रोत है, जिससे माता का भोग और प्रसाद तैयार होता है। मंदिर के ऊपर स्थित टीट बुग्याल से नैनीताल, कालाढूंगी, रामनगर, बाजपुर जैसे कई इलाकों का मनोरम दृश्य दिखाई देता है। यहां पहुंचने के लिए सड़क मार्ग से कोटाबाग आ सकते हैं, जो काठगोदाम रेलवे स्टेशन (37 किमी) और पंतनगर हवाई अड्डे (66 किमी) से अच्छी तरह जुड़ा है। कोटाबाग का मौसम सालभर सुहावना बना रहता है, जिससे किसी भी समय यहां यात्रा की जा सकती है। मां टीटेश्वरी मंदिर न केवल आध्यात्मिक संतोष प्रदान करता है, बल्कि प्रकृति की अद्वितीय कला का भी प्रत्यक्ष अनुभव कराता है।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

GET IN TOUCH

संपादक: गुलाब सिंह
पता: हल्द्वानी, उत्तराखण्ड
दूरभाष: +91 9412960065
ई-मेल: [email protected]

Select Language

Advertisement

© 2023, CWN (City Web News)
Get latest Uttarakhand News updates
Website Developed & Maintained by Naresh Singh Rana
(⌐■_■) Call/WhatsApp 7456891860