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उत्तराखण्ड

उच्च न्यायालय ने स्वास्थ्य सचिव को जिला अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक और अन्य स्टाफ की नियुक्ति करने व कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

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कमल जगाती

नैनीताल- उच्च न्यायालय ने नैनीताल के बी.डी.पांडे जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य सेवाओं की भारी कमी के खिलाफ दायर जनहित याचिका में प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव आर राजेश कुमार उपस्थित हुए। इस दौरान कोर्ट कमिश्नर अधिवक्ता विकास बहुगुणा की ओर से बी.डी.अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी से सम्बंधित 11 पेज की रिपोर्ट पेश की गई। इस रिपोर्ट में बी.डी.पांडे अस्पताल में चिकित्सकों और अन्य स्टाफ की कमी के साथ कई कमियों का उल्लेख करते हुए उन्हें दुरस्त किये जाने का आग्रह किया गया है ।
सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल ने स्वास्थ्य सचिव को नैनीताल मुख्यालय के अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक और अन्य स्टाफ की नियुक्ति करने व कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य सचिव ने इस रिपोर्ट पर कार्यवाही के लिए एक माह का समय मांगा है, जिसपर खंडपीठ ने सरकार को एक माह का समय देते हुए इस याचिका की सुनवाई के लिये 6 जुलाई की तिथि तय की है। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने स्वास्थ्य सचिव से कहा कि यह दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रो का एक मात्र जिला अस्पताल है। इसकी तुलना दिल्ली से न करें, क्योंकि हर कोई दिल्ली या हल्द्वानी नही जा सकता। अस्पताल प्रसाशन मरीजों को हायर सेंटर रैफर करता है। न्यायालय ने कहा कि कोर्ट कमिश्नर की रिपोर्ट पर विचार किया जाय। उच्च न्यायलय की डिस्पेंसरी को सवेरे दस से शाम 4 बजे तक खोलने के आदेश दीए गए हैं, जो दिन में 2 बजे बंद हो जाता है।
नैनीताल के बी.डी.पांडे जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव होने के खिलाफ मल्लीताल निवासी सेवानिवृत्त अध्यापक अशोक कुमार साह उर्फ ‘गुरु जी’ की जनहित याचिका पर बुधवार को उच्च न्यायालय ने सुनवाई की। न्यायालय ने पूर्व में इस मामले में अधिवक्ता विकास बहुगुणा को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त कर उनसे अस्पताल का निरीक्षण कर विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा था। कोर्ट कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट दे दी, जिसमें चिकित्सकों और अन्य स्टॉफ की कमी सहित कई अन्य कमियों का उल्लेख किया गया। इन्हें तत्काल दुरस्त करने की आवश्यकता बताई गई। अशोक शाह उर्फ ‘गुरु जी’ ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि उन्हें छोटी से छोटी शिकायतों के लिए उच्च न्यायलय की शरण लेनी पड़ी रही है। बी.डी.पांडे अस्पताल, जिले का मुख्य अस्पताल होने के बाद भी छोटी छोटी बीमारियों के लिए सीधे हल्द्वानी भेज दिया जाता है। इस अस्पताल में जिले के इलाज कराने के लिए दूर दराज के गांवों से कई मरीज आते हैं, लेकिन उनकी जांच करके हायर सेंटर रैफर किया जा रहा है। ‘गुरु जी’ ने उच्च न्यायलय की खण्डपीठ से प्रार्थना की है कि इस अस्पताल में सभी सुविधाएं उपलब्ध हों, ताकि दूरदराज से आने वाले लोगो को उचित समय पर इलाज मिल सके। याचिकाकर्ता की ओर से अकरम परवेज ने पैरवी की ।

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संपादक: गुलाब सिंह
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