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हल्द्वानी

विधवा से दुष्कर्म के आरोपी भाजपा नेता मुकेश बोरा की कुर्की का नोटिस चस्पा

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हल्द्वानी। विधवा से दुष्कर्म और उसकी नाबालिग बेटी से छेड़छाड़ के आरोपी नैनीताल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ का अध्यक्ष मुकेश बोरा अंडरग्राउंड हो चुका है। लंबी तलाश के बाद मंगलवार को पुलिस उसके हल्द्वानी और धारी स्थित पैतृक आवास पहुंची। यहां पुलिस ने ढोल बजाकर मुनादी कराई और 82 का नोटिस चस्पा किया। मुकेश अब भी हाथ न आया तो पुलिस उसके घर की कुर्की करेगी। 
मुकेश बोरा पुत्र कुशल सिंह मूलरूप से च्यूरीगाढ़ धारी नैनीताल का रहने वाला है। वह हिम्मतपुर मल्ला में सरकारी स्कूल के पास पत्नी व बच्चों के साथ रहता था। उसके खिलाफ 1 सितंबर को दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हुआ। यह आरोप एक विधवा ने लगाए और कहा, नौकरी पक्की करने के नाम पर मुकेश ने उसके साथ दुष्कर्म किया।
164 के बयान में पीड़िता ने अपनी नाबालिग बेटी के साथ भी छेड़छाड़ का आरोप लगाया। मुकदमे में पॉक्सो की धारा बढ़ने से पहले ही मुकेश मोबाइल बंद कर फरार हो गया। पहले उसकी तलाश में दो टीमें लगी थीं। सफलता नहीं मिली तो टीमों की संख्या चार और फिर सात कर दी गई। फिर भी अंडरग्राउंड हो चुके न मुकेश का पता लगा और न ही उसके चालक कमल बेलवाल का सुराग लगा। पीड़िता ने कमल पर धमकाने का आरोप लगाया है। 
मुकेश की अग्रिम जमानत याचिका दो-दो अदालतों से खारिज हो चुकी है। जिसके बाद उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया। मंगलवार को पुलिस ने कोर्ट से 82 का नोटिस जारी कराया और दो टीमें उसके पैतृक और हिम्मतपुर मल्ला स्थित आवास पहुंचीं। यहां पुलिस ने ढोल बजाकर मुनादी कराई और आवास पर नोटिस चस्पा किया। यदि मुकेश अब भी पुलिस के हाथ नहीं आया तो कुर्की की कार्रवाई तय है। हालांकि पुलिस को अभी तक उसकी दो संपत्ति का ही पता चला है। एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने बताया कि मुकेश बोरा के आवासों पर नोटिस चस्पा करा दिया है। उसकी गिरफ्तारी के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। यदि वह हाथ नहीं आया तो उसकी संपत्ति की कुर्की कराई जाएगी। उसकी संपत्तियों के बारे में भी पता लगाया जा रहा है।
मुकेश की राजनीतिक महत्वकांक्षा बहुत ऊंची थी और बहुत कम समय में उसने च्यूरीगाढ़ से हल्द्वानी और फिर देहरादून की राजनीतिक गलियारों में पहचान बनाई। दुग्ध संघ का अध्यक्ष रहते हुए वह विधायकी के टिकट का भी दावा करता था, लेकिन उससे पहले इस मामले में फंस गया। हालांकि आरोपों से मुकेश का पुराना नाता है। वहीं सूत्र कहते हैं कि मुकेश का एक राजनीतिक गुरू भी है और इसी गुरू के बूते उसने दुग्ध संघ की कुर्सी हासिल की। कहा यह भी जा रहा है कि मुकेश इसी राजनीतिक गुरू की शरण में फरारी काट रहा है। 
अब सात टीमें मिल कर भी मुकेश बोरा को पकड़ नहीं पा रहीं। जबकि इन टीमों में एसओजी भी शामिल है। पॉक्सो लगने के बाद मुकेश की अग्रिम जमानत का रास्ता बंद हो चुका है। हालांकि मुकेश अग्रिम जमानत की फिराक में तब से था, जब उस पर सिर्फ दुष्कर्म और धमकाने का आरोप था, लेकिन पॉक्सो लगने और गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद अब यह रास्ता भी बंद हो चुका है। उसके पास अब एक ही रास्ता है कि वह कोर्ट से अरेस्टिंग स्टे ले आए और इसके लिए उसने अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। 

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