Connect with us

अल्मोड़ा/बागेश्वर/चंपावत/पिथौरागढ़

धारचूला-मुनस्यारी के 100 गांवों में इसलिए होली नहीं मानते लोग, जानकर हो जाएंगे हैरान

Published

on

लोगों का मानना है कि अगर पहाड़ों पर रंगों का इस्तेमाल करेंगे तो भगवान नाराज हो जाएंगे

हल्द्वानी। होली का त्योहार आज धूमधाम से मनाया जा रहा है। लोग रंग-गुलाल से एक दूसरे को रंगकर होली की बधाई दे रहे हैं। उत्तराखंड में 100 गांव ऐसे भी हैं जहां होली नहीं मनाई जाती है। पिथौरागढ़ जिले के धारचूला और मुनस्यारी के इन 100 गांवों में लोग रंगों से दूर रहते हैं। लोगों का मानना है कि अगर वे पहाड़ों पर रंगों का इस्तेमाल करेंगे तो भगवान नाराज हो जाएंगे।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक लोगों का कहना है कि वे भगवान के पहाड़ों को रंगों से गंदा नहीं करना चाहते। धारचुला के बाराम गांव के रहने वाले नरेंद्र ने कहा, ‘इन गांवों में चिपला केदार देवता की पूजा होती है। ये भगवान शिव और भगवती का ही रूप हैं।’ यहां हर तीसरे साल चिपला केदार यात्रा होती है। आसपास के इलाकों में इसकी बहुत मान्यता है। लोग यहां परिक्रमा करते हैं और फिर कुंड में स्नान करते हैं। इसे गुप्त कैलास भी कहा जाता है जो कि 16 हजार फीट की ऊंचाई पर है।
उनका मानना है कि रंगों की वजह से देवता नाराज हो जाएंगे। एक ग्रामीण ने बताया, होली खेलने को यहां अपवित्र माना जाता है। इन लोगों के लिए होली का दिन भी बाकी आम दिनों की तरह ही होता है। कोई भी नहीं चाहता है कि देवता को नाराज करे। कई लोगों को मानना है कि यहां अगर कोई होली खेलता है तो उसका बुरा होता है। लोगों का कहना है कि अगर किसी परिवार में होली खेली गई तो बहुत जल्दी इसका बुरा परिणाम देखने को मिलता है। उसके घर में किसी व्यक्ति या फिर जानवर की मौत हो जाती है। एक ग्रामीण ने कहा, यह स्थान भराड़ी देवी का स्थान है और यहां रंगों पर रोक है।हमारा मानना है कि होली से दुर्भाग्य जागेगा। इसलिए हम रंगों दूर रहते हैं।
इतिहासकारों का कहना है कि होली कभी भी पहाड़ी त्योहार नहीं रहा है। पहाड़ी इलाकों के आदिवासी भी होली नहीं मनाते थे। इसके बाद जब लोगों का पलायन शुरू हुआ तब पहाड़ों में होली भी मनाई जाने लगी। धारचुला के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि धारचुला का अनवल समुदाय और बारपाटिया समुयाद कई सालों से कोई हिंदू त्योहार नहीं मनाता है। कुमाऊं में कई हों पर बैठकी होली मनाई जाती है। इसमें लोग इकट्ठा होते हैं, लोकगीत गाते हैं और पकवानों का आनंद लेते हैं।

GET IN TOUCH

संपादक: गुलाब सिंह
पता: हल्द्वानी, उत्तराखण्ड
दूरभाष: +91 9412960065
ई-मेल: [email protected]

Select Language

Advertisement

© 2023, CWN (City Web News)
Get latest Uttarakhand News updates
Website Developed & Maintained by Naresh Singh Rana
(⌐■_■) Call/WhatsApp 7456891860