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उत्तराखण्ड

उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई योजना, स्थानीय उद्यमियों को मिलेगा बड़ा फायदा

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देहरादून: उत्तराखंड में पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसी को देखते हुए राज्य सरकार ने पर्यटन सुविधाओं को बढ़ाने और स्थानीय लोगों को इसमें शामिल करने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार ने उत्तराखंड पर्यटन उद्यमी प्रोत्साहन योजना शुरू की है। इस योजना के तहत स्थानीय लोगों को पर्यटन से जुड़े छोटे-बड़े उद्यम शुरू करने के लिए आर्थिक मदद दी जाएगी।
क्या है योजना:
इस योजना के तहत राज्य के स्थायी निवासियों को पर्यटन से जुड़े उद्यम शुरू करने के लिए एक से पांच करोड़ रुपये तक का ऋण दिया जाएगा। इस ऋण पर सरकार द्वारा 33 लाख रुपये से लेकर डेढ़ करोड़ रुपये तक का अनुदान भी दिया जाएगा। यह अनुदान राज्य के विभिन्न क्षेत्रों के आधार पर अलग-अलग होगा।
कौन-कौन से उद्यमों को मिलेगा लाभ:
इस योजना के तहत होम स्टे, होटल, रिजॉर्ट, टूरिस्ट गाइड, ट्रैवल एजेंसी आदि जैसे कई तरह के पर्यटन से जुड़े उद्यमों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक स्थलों के रखरखाव, पर्यटन स्थलों पर पार्किंग और सड़कों के निर्माण जैसे कार्यों पर भी अनुदान दिया जाएगा।
क्यों जरूरी है यह योजना:
* स्थानीय लोगों को रोजगार: इस योजना से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बनाया जा सकेगा।
* पर्यटन को बढ़ावा: इस योजना से राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और इससे राज्य की आय में वृद्धि होगी।
* पर्यटन सुविधाओं का विकास: इस योजना से राज्य में पर्यटन सुविधाओं का विकास होगा और पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
योजना के फायदे:
* आर्थिक मदद: इस योजना के तहत उद्यमियों को आर्थिक मदद दी जाएगी जिससे उन्हें अपना उद्यम शुरू करने में आसानी होगी।
* ब्याज अनुदान: इस योजना के तहत उद्यमियों को ब्याज अनुदान भी दिया जाएगा जिससे उन्हें ऋण चुकाने में आसानी होगी।
* स्टांप ड्यूटी में छूट: इस योजना के तहत उद्यमियों को स्टांप ड्यूटी में छूट दी जाएगी।
कैसे करें आवेदन:
इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक उद्यमी संबंधित विभाग में आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध होगी।
योजना में क्षेत्रों का श्रेणीकरण
• श्रेणी-ए :- हरिद्वार, नैनीताल व ऊधम सिंह नगर जिलों का संपूर्ण क्षेत्र, देहरादून जिले के ऐसे क्षेत्र जो श्रेणी बी में सम्मिलित नहीं हैं और अल्मोड़ा जिले की रानीखेत व अल्मोड़ा तहसील।
• श्रेणी-बी :- अल्मोड़ा जिले का शेष क्षेत्र (जो श्रेणी-एक में सम्मिलित नहीं है), देहरादून जिले की कालसी, चकराता व त्यूणी तहसील, बागेश्वर जिले की गरुड़ तहसील, पौड़ी की कोटद्वार, लैंसडौन, यमकेश्वर व धुमाकोट तहसील, टिहरी जिले की धनोल्टी व नरेंद्रनगर तहसील।
• श्रेणी-सी :- उत्तरकाशी, चमोली, चंपावत, रुद्रप्रयाग व पिथौरागढ़ जिलों का संपूर्ण क्षेत्र, बागेश्वर, पौड़ी व टिहरी जिलों का शेष क्षेत्र, जो श्रेणी-बी में सम्मिलित नहीं है।
ये मिलेंगी रियायत
• एक से पांच करोड़ तक के प्रोजेक्ट पर स्टांप डयूटी से छूट।
• श्रेणी-ए के क्षेत्र में 33 लाख से 80 लाख तक का अनुदान।
• श्रेणी-बी में 33 लाख से 1.20 करोड़ होगी अनुदान राशि।
• श्रेणी-सी में 33 लाख से 1.50 करोड़ तक का अनुदान।
• योजना में तीन साल तक प्रति इकाई तीन से छह प्रतिशत तक ब्याज अनुदान।

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संपादक: गुलाब सिंह
पता: हल्द्वानी, उत्तराखण्ड
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