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नई दिल्ली

डिजिटल अरेस्ट: साइबर अपराध का नया रूप और इससे बचाव के उपाय

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नई दिल्ली। डिजिटल अरेस्ट एक नया तरह का साइबर अपराध है, जिसमें अपराधी लोगों को डरा धमकाकर उनसे पैसे ऐंठते हैं। वे खुद को पुलिस, सीबीआई या किसी अन्य सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताकर लोगों को धमकाते हैं कि उनके खिलाफ कोई अपराध हुआ है और उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। इस तरह से वे लोगों को डराकर उनसे पैसे मांगते हैं।


कैसे होता है डिजिटल अरेस्ट
* अज्ञात नंबर से कॉल: अपराधी अक्सर अज्ञात नंबर से कॉल करते हैं और खुद को पुलिस या किसी अन्य सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताते हैं।
* निजी जानकारी का इस्तेमाल: अपराधी आपके नाम, पते, फोन नंबर और अन्य व्यक्तिगत जानकारी का इस्तेमाल करके आपको डराते हैं।
* वीडियो कॉल: कई बार अपराधी वीडियो कॉल करते हैं और खुद को पुलिस की वर्दी में दिखाते हैं।
* धमकी और ब्लैकमेल: अपराधी आपको धमकी देते हैं कि अगर आपने पैसे नहीं दिए तो आपको गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
* बैंक खाते से पैसे निकालना: अपराधी आपको अपने बैंक खाते से पैसे निकालने के लिए कहते हैं और उस पैसे को उनके बताए गए खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहते हैं।

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डिजिटल अरेस्ट से बचाव के उपाय
* अज्ञात नंबरों के कॉल का जवाब न दें: अगर आपको किसी अज्ञात नंबर से कॉल आता है तो उसका जवाब न दें।
* अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें: किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
* सावधान रहें: अगर आपको कोई कॉल आता है और आपको लगता है कि यह एक स्कैम है तो तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम सेल में शिकायत करें।
* सुरक्षित पासवर्ड का इस्तेमाल करें: अपने सभी खातों के लिए मजबूत और अद्वितीय पासवर्ड का इस्तेमाल करें।
* दो-कारक प्रमाणीकरण (2FA) का उपयोग करें: अपने सभी खातों के लिए दो-कारक प्रमाणीकरण (2FA) को सक्षम करें।
* अपने डिवाइस को सुरक्षित रखें: अपने स्मार्टफोन और कंप्यूटर को सुरक्षित रखें और हमेशा अपडेटेड एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का उपयोग करें।
* साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक रहें: साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूक रहें और हमेशा नवीनतम साइबर धोखेबाजी के बारे में जानकारी रखें।

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डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं, जिनमें शामिल हैं:
* कॉल आते ही उतावले न हों: कॉल आते ही एक दम उतावले न हों। समझ से काम लें।
* लिंक पर क्लिक न करें: किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
* एपीके फाइल इंस्टॉल न करें: किसी भी एपीके फाइल को इंस्टॉल न करें।
* टू-वे वेरिफिकेशन का उपयोग करें: सभी खातों के लिए दो-कारक प्रमाणीकरण (2FA) को सक्षम करें।
* अज्ञात नंबर को साइलेंट करें: व्हाट्सएप पर अज्ञात नंबर को साइलेंट करने का विकल्प है, इसका इस्तेमाल करें।
* साइबर दोस्त: भारत सरकार का ‘साइबर दोस्त’ एक अच्छा मंच है, जहां आप साइबर अपराधों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

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संपादक: गुलाब सिंह
पता: हल्द्वानी, उत्तराखण्ड
दूरभाष: +91 9412960065
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