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उत्तराखण्ड

उत्तराखंड में बाहरी राज्यो से आने वाले निजी वाहनों को देना होगा ग्रीन सेस

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टोल प्लाजा पर टोल टैक्स के साथ कटेगा 20 से 80 रुपये ग्रीन सेस
देहरादून। उत्तराखंड में दूसरे राज्यों से आने वाले निजी वाहनों को भी ग्रीन सेस चुकाना होगा। जैसे ही आपका वाहन उत्तराखंड की सीमा के टोल प्लाजा से होकर गुजरेगा, फास्टैग से टोल टैक्स के साथ ही ग्रीन सेस भी कट जाएगा। वाहन की श्रेणी के अनुसार 20 से 80 रुपये तक ग्रीन सेस के रूप में लेने की योजना है। जल्द ही यह व्यवस्था लागू होने की उम्मीद है। पड़ोसी राज्य हिमाचल में दशकों से वाहरी वाहनों से एंट्री टैक्स लेने की व्यवस्था लागू है।
राज्य में एंट्री शुल्क की व्यवस्था प्रभावी रूप से लागू करने के लिए परिवहन विभाग ने नया सिस्टम तैयार कर रहा है। इसका प्रस्ताव तैयार कर विधायी विभाग को भी भेजा गया। साथ ही टोल प्लाजा के सिस्टम में ग्रीन सेस को जोड़ने के लिए एनएचएआई को भी पत्र भेजकर अनुरोध किया गया है। परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकि ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि ग्रीन सेस के माध्यम से राज्य को सालाना 40 से 45 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय होगी। इस व्यवस्था को जल्द से जल्द लागू करने का प्रयास किया जा रहा है।
परिवहन अधिकारियों के अनुसार वर्तमान में कामर्शियल वाहनों से उनके रजिस्ट्रेशन और नवीनीकरण के समय ग्रीन सेस ले लिया जाता है। दूसरे राज्यों से आने वाले कामर्शियल वाहनों से भी टैक्स के रूम में इसकी वसूली हो जाती है। निजी वाहन इसके दायरे में नहीं आ पा रहे थे। फास्टैग सिस्टम लागू होने से निजी वाहन को हर एंट्री पर ग्रीन सेस देना होगा।
प्रस्तावित ग्रीन शुल्क
20 रुपये: तिपहिया वाहन, विक्रम, ऑटो, ई रिक्शा आदि
40 रुपये: हल्के चौपहिया वाहन, छोटी कारें आदि
60 रुपये: मध्यम मोटर- यान-टैक्सी, मैक्सी, छोटे ट्रक
80 रुपये: भारी वाहन- निजी बस, ट्रैवलर आदि

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संपादक: गुलाब सिंह
पता: हल्द्वानी, उत्तराखण्ड
दूरभाष: +91 9412960065
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