Connect with us

अल्मोड़ा/बागेश्वर/चंपावत/पिथौरागढ़

उत्तराखंड के इस जिले में बारिश न होने से सूखे जैसे हालात, 22 जनवरी को मोस्टा देवता से क्षेत्रवासी लगाएंगे बारिश के लिए गुहार

Published

on

पिथौरागढ़। सीमांत पिथौरागढ़ जिले में मौसम की बेरुखी से सूखे जैसे हालात हो गए हैं। बारिश के आसार न होने पर अब लोगों ने मोस्टा देवता की शरण में जाने का फैसला किया है। इसके लिए 22 जनवरी का दिन तय किया है। वर्ष 1999 के बाद यह दूसरा मौका होगा जब भगवान मोस्टा से क्षेत्रवासी बारिश के लिए गुहार लगाएंगे।
बारिश न होने से पिथौरागढ़ जिले में खेती चौपट हो गई है और नदियों का जलस्तर भी दिन पर दिन कम होता जा रहा है। इसे देखते हुए अब लोगों ने बारिश के लिए भगवान मोस्टा की पूजा-अर्चना करने का निर्णय लिया है। दरअसल, चंडाक मोस्टामानो स्थित भगवान मोस्टा को इंद्रदेव का पुत्र माना जाता है।मान्यता है कि मोस्टा देवता की आराधना से वे जल वृष्टि करते हैं। ढुंगा के ग्राम प्रधान मनोज बिष्ट बताते हैं कि 1999 में भी सीमांत जिले में नवंबर से लेकर मार्च तक बारिश नहीं हुई। क्षेत्र में सूखे जैसे हालात हो गए थे। तब लोगों ने मिलकर मंदिर में छह पट्टी सौर का यज्ञ किया। कहा जाता है कि अगले दिन तड़के एक घंटे तक लगातार झमाझम बारिश हुई। बीते वर्ष भी बारिश के लिए मोस्टा मंदिर में हवन-यज्ञ किया गया था।
कहा जाता है कि ब्रिटिशकाल में पिथौरागढ़ में भयंकर सूखा पड़ गया। सोर के पंडितों ने छह पट्टी सोर के लोगों को मोस्टादेव के दरबार में हवन करने की सलाह दी। कहा जाता है कि तब हवन संपन्न होते ही बादल बरसने लगे। यह देखकर अंग्रेज शासक भी दंग रह गए। तब से ही क्षेत्र में जब कभी लंबे समय तक बारिश नहीं होती है, तो मोस्टा देवता की पूजा-अर्चना करने की परंपरा है।

GET IN TOUCH

संपादक: गुलाब सिंह
पता: हल्द्वानी, उत्तराखण्ड
दूरभाष: +91 9412960065
ई-मेल: [email protected]

Select Language

Advertisement

© 2023, CWN (City Web News)
Get latest Uttarakhand News updates
Website Developed & Maintained by Naresh Singh Rana
(⌐■_■) Call/WhatsApp 7456891860