उत्तराखण्ड
पांच साल बाद फिर शुरू होगी कैलास मानसरोवर यात्रा, जून से अगस्त के बीच होंगे जत्थे रवाना
नई दिल्ली। पांच साल के लंबे अंतराल के बाद कैलास मानसरोवर यात्रा एक बार फिर शुरू होने जा रही है। भारत सरकार ने शनिवार को इसकी घोषणा करते हुए बताया कि इस वर्ष जून से अगस्त के बीच यात्रा का आयोजन किया जाएगा। वर्ष 2019 के बाद से कैलास मानसरोवर यात्रा स्थगित थी। इसे भारत और चीन के बीच संबंधों में सुधार की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
भारत और चीन ने पिछले वर्ष अक्तूबर में डेमचोक और देपसांग के टकराव वाले शेष दो बिंदुओं से सैनिकों की वापसी पूरी कर ली थी। इसी पृष्ठभूमि में अब कैलास मानसरोवर यात्रा को फिर से बहाल किया गया है, जिसे द्विपक्षीय संबंधों में सकारात्मक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, इस वर्ष कुल 15 बैच यात्रा पर भेजे जाएंगे। प्रत्येक बैच में 50-50 यात्री होंगे। इनमें से पांच बैच उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे के रास्ते से और 10 बैच सिक्किम के नाथू ला दर्रे के रास्ते से जाएंगे। लिपुलेख मार्ग से यात्रा में 22 दिन का समय लगेगा और यात्री को लगभग 1.74 लाख रुपये शुल्क देना होगा। वहीं, नाथू ला मार्ग से यात्रा 21 दिन में पूरी होगी, लेकिन इसका शुल्क 2.83 लाख रुपये रखा गया है।
यात्रा के लिए इच्छुक यात्री kmy.gov.in वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। सरकार ने बताया कि यात्रियों का चयन स्वास्थ्य जांच, उम्र सीमा और फिटनेस मानकों के आधार पर किया जाएगा, ताकि उच्च हिमालयी इलाकों में यात्रा के दौरान किसी भी स्वास्थ्य जोखिम को कम किया जा सके।
गौरतलब है कि कैलास मानसरोवर यात्रा न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र मानी जाती है, बल्कि यह एक कठिन और रोमांचकारी साहसिक यात्रा भी है। हर साल हजारों श्रद्धालु इस यात्रा का हिस्सा बनने की इच्छा रखते हैं। यात्रा के फिर से शुरू होने की घोषणा से श्रद्धालुओं में खासा उत्साह देखा जा रहा है।
