उत्तराखण्ड
उत्तराखंड में पंचायत उपचुनाव जल्द, आयोग भेजेगा नई तिथियां
देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के बाद भी कई पद खाली रह गए हैं। इन रिक्त पदों को भरने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग जल्द उपचुनाव की तिथियां घोषित कर सकता है। आयोग इस संबंध में नया प्रस्ताव शासन को भेजने की तैयारी कर रहा है।
जानकारी के अनुसार, हरिद्वार को छोड़कर शेष 12 जिलों में 27 अगस्त को 2656 पंचायतों में बोर्ड का गठन हो चुका है। हालांकि, प्रदेश की 4843 ग्राम पंचायतों में 33 हजार से अधिक पद रिक्त होने के कारण कोरम पूरा नहीं हो पाया। यही वजह है कि कई जगहों पर पंचायतों का संचालन अधर में लटक गया है।
रिकॉर्ड के मुताबिक, ग्राम पंचायत सदस्य के 55 हजार 587 पदों में से 22 हजार 119 उम्मीदवार निर्वाचित हुए। लेकिन इनमें से केवल 16 हजार 374 ने ही शपथ ग्रहण की। इसी तरह, ग्राम प्रधान के 20 पद अब भी खाली पड़े हैं। स्थिति यह है कि बड़ी संख्या में निर्वाचित प्रतिनिधियों ने अभी तक पदभार नहीं संभाला है।
निदेशक पंचायती राज निधि यादव ने बताया कि खाली पड़े पदों का विस्तृत ब्योरा शासन को भेज दिया गया है। अब निर्वाचन आयोग शासन के साथ मंथन के बाद उपचुनाव की नई तिथियों पर अंतिम निर्णय लेगा।
बता दें कि इससे पहले आयोग ने 18 सितंबर को उपचुनाव कराने के लिए तिथियों का प्रस्ताव भेजा था। लेकिन अपरिहार्य कारणों से उस पर आगे कार्रवाई नहीं हो सकी। अब माना जा रहा है कि इसी महीने पंचायत उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
इन उपचुनावों से न केवल पंचायतों में खाली पद भरेंगे बल्कि ग्रामीण स्तर पर विकास कार्यों की रफ्तार भी तेज हो सकेगी। ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षाओं को देखते हुए शासन और आयोग इस बार पूरी तैयारी के साथ उपचुनाव संपन्न कराने पर जोर दे रहे हैं।
