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अल्मोड़ा/बागेश्वर/चंपावत/पिथौरागढ़

पिथौरागढ़ में गौरैया संरक्षण मंच का गठन

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पक्षियों के संरक्षण के लिए एकजुट हुई संस्थाएं


पिथौरागढ़।
पक्षियों के संरक्षण के लिए जिला मुख्यालय की कई स्वैच्छिक संस्थाऐं आगे आई हैं। एक बैठक के बाद पक्षियों के संरक्षण व संवर्धन के लिए एक मंच का गठन किया गया।
पारिस्थिति तंत्र और जैव विविधता संरक्षण हेतु धारचूला रोड़ रई स्थित अभिलाषा समिति के कार्यालय में विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों की एक बैठक संपन्न हुई। अभिलाषा समिति के अध्यक्ष डॉ किशोर कुमार पंत की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में पर्वतीय क्षेत्र की प्रमुख पक्षियों की लगातार घटती संख्या पर चिंता व्यक्त की गई। कहा कि विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों के विलुप्त होने का सीधा संबंध जैव विविधता के लिए गम्भीर संकट से है। नन्हीं चौपाल के निदेशक पक्षी विशेषज्ञ विपल्व भट्ट ने पिथौरागढ़ जिले के अंतर्गत पाई जाने वाली और फसल चक्र के अनुसार बाहर से आने वाली पर्यटक पक्षियों की आवाजाही भी विगत तीन वर्षों में कम देखने को मिली है। जल, जंगल और पक्षी अगर सुरक्षित नहीं हैं तो मानव सभ्यता का सुरक्षित रहना भी असंभव है। बैठक में सीमांत डेवलपमेंट सोसाइटी के सचिव प्रकाश गिरी ऑए गिद्ध और गौरैया जैसे पक्षियों की संख्या में आई कमी को स्वच्छता एवं कृषि क्षेत्र के लिए अत्यंत हानिकारक बताया । साथ ही सभी से आग्रह किया गया कि अपने-अपने स्तर पर इनके संरक्षण एवं जंगलों के आस-पास अधिक से अधिक से फलदार वृक्षों को लगाने का निरन्तर कार्य करें। पी.एम.एस सोसाइटी के सचिव शुभम नाथ ने  कहा कि पुराने समय में गौरैया के घोंसलों हेतु स्थान निर्धारित कर नक्काशी की जाती थी जिसमें गौरैया अपना घोंसला बनाकर रह सके। वर्तमान समय में सीमेंट, कंक्रीट, के घरों में ऐसी कोई भी व्यवस्था देखने को नहीं मिलती। डॉ0 किशोर कुमार पंत द्वारा बताया गया कि तकनीकी विकास जगह-जगह मोबाईल के टावर, कृषि कार्य में अत्यधिक रासायनिक खादों का प्रयोग और जीव-जन्तुओं में असंतुलन भी एक प्रमुख कारण है। हमें स्कूली बच्चों के साथ जैव विविधता संरक्षण पर कार्यशालाएं एवं शैक्षणिक गतिविधियां करना नितांत आवश्यक है। कार्यशाला में डॉ0 किशोर कुमार पंत को राज्य समन्वयक, विपल्व भट्ट को गौरैया संरक्षण टीम का उत्तराखंड संयोजक, प्रकाश गिरी को पिथौरागढ़ जिला संयोजक, बनाया गया। डॉ0 किशोर पंत द्वारा बताया गया कि शैक्षणिक गतिविधियों और पर्यावरणीय क्रियाकलापों के माध्यम से प्रदेश भर में जल, जंगल और पक्षी संरक्षण पर समय-समय पर कार्यक्रमों का संपादन किया जाएगा। बैठक में  प्रेमा पंत, गीतांजली बिष्ट, नवीन जोशी, जगदीश जोशी, चंचल सिंह,  हेम खोलिया, आदि उपस्थित रहे।

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